Wednesday, December 25, 2024
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जानें कब है साल 2022 की आखिरी अमावस्‍या? पितृ पक्ष के लिए ये दिन माना जाता है ख़ास, जानें महत्व

साल 2022 की आखिरी अमावस्‍या इसी महीने पड़ रही है। पौष माह को छोटा पितृ पक्ष भी कहा जाता है इसलिए इस अमावस्‍या को तर्पण-श्राद्ध करने का बहुत महत्‍व है।

Written By: Poonam Yadav @R154Poonam
Published : Dec 14, 2022 22:51 IST, Updated : Dec 14, 2022 22:51 IST
साल 2022 की आखिरी अमावस्‍या
Image Source : FREEPIK साल 2022 की आखिरी अमावस्‍या

साल 2022 को खत्म होने में महज़ कुछ दिन ही बचे हैं। इस साल की आखिरी अमावस्‍या 23 दिसंबर 2022 को है। इस दिन पौष अमावस्या है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पौष माह को पितरों की मुक्ति दिलाने वाला महीना माना गया है। इसलिए पौष महीने को छोटा पितृ पक्ष भी कहते हैं। इस दिन पितरों की आत्‍मा की शांति के लिए दान, श्राद्ध और तर्पण जरूर करना चाहिए। 

पौष अमावस्या 2022 मुहूर्त

पंचांग के अनुसार पौष अमावस्या 22 दिसंबर 2022 की शाम 07:13 मिनट पर शुरू होकर 23 दिसंबर 2022 की दोपहर 03:46 मिनट तक रहेगी।

पौष अमावस्या पूजा विधि

पौष अमावस्या के दिन सुबह सवेरे किसी नदी में स्नान करना चाहिए। यदि ऐसा मुमकिन न हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर नहाना चाहिए। साफ-सुथरे कपड़े पहनकर तांबे के लोटे से सूर्य भगवान को अर्घ्‍य दें और पितरों की आत्‍मा की शांति के लिए तर्पण करें। इस दिन गरीब, दुखी और असहाय लोगों की मदद करनी चाहिए। इससे पितर प्रसन्न रहते हैं। 

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पितृ दोष से मुक्ति के लिए करें ये काम

प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष में अमावस्या और शुक्ल पक्ष में पूर्णिमा पड़ते है। शास्त्रों में इन दोनों का अलग-अलग महत्व बताया गया है। पितृ दोष से मुक्ति के लिये उस दिन दूध, चावल की खीर बनाकर, गोबर के उपले या कंडे की कोर जलाकर, उस पर पितरों के निमित्त खीर का भोग लगाना चाहिए। भोग लगाने के बाद थोड़ा-सा पानी लेकर दायें हाथ की तरफ, यानी भोग की बायीं साइड में छोड़ दें। अगर आप दूध-चावल की खीर नहीं बना सकते, तो आज के दिन घर में जो भी शुद्ध ताजा खाना बना है, उसका ही पितरों को भोग लगा दें। साथ ही आज के दिन एक लोटे में जल भरकर, उसमें गंगाजल, थोड़ा-सा दूध, चावल के दाने और तिल डालकर दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके पितरों का तर्पण करना चाहिए। 

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पौष अमावस्या महत्व

अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। मान्यता है कि पितर प्रसन्न रहें तो घर परिवार और आने वाली सभी पीढि़यों पर कभी संकट के बादल नहीं मंडराते। साथ ही घर में हमेशा सुख-समृद्धि का वास रहता है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। INDIA TV इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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