Sheetla Sashti Vrat Upay: 15 फरवरी 2024 को माघ मास की शीतला षष्ठी है। जैसे की आप सभी जानते हैं की हर साल माघ शुक्ल पक्ष की षष्ठी को शीतला षष्ठी के रूप में मनाया जाता है। हालांकि यह पूजा इस दिन केवल बंगाल में ही होती है लेकिन आप कहीं भी हो इस दिन शीतला माता की पूजा और व्रत आदि करके लाभ पा सकते हैं। शीतला षष्ठी के दिन व्रत रखने से संतान पक्ष की ओर से खुशखबरी और अनंत सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही मन शीतल होता है। कहा जाता है जिन महिलाओं को संतान प्राप्ति कि इच्छा है उन महिलाओं को शीतला षष्ठी के दिन शीतला माता का व्रत अवश्य रखना चहिए। इस दिन ठंडा या कहें बांसी खाना खाने का रिवाज है। शास्त्रों के अनुसार, शीतला का मतलब ठंडा होता है और शीतला माता को ठंडी चीजों से लगाव है।
इसलिए शीतला माता को खुश करने के लिए उन्हें ठंडी चीजों का भोग लगाया जाता है। शीतला षष्ठी से एक दिन पहले पकवान बनाया जाता है और अगले दिन सुबह जल्दी उठकर शीतला मां की पूजा की जाती है और देवी मां को भी पिछले दिन का बना बांसी और ठंडा खाना भोग में चढ़ाया जाता है और घर आकर वही बासी खाना खाया जाता है। इस दिन देवी मां को मीठे चावल, हलवा, पूड़ी, पुए और दही के बने पकवान चढ़ाने का चलन है। अगर एक दिन पहले भोग बनाना संभव न हो तो सुबह जल्दी उठकर पकवान बनाकर शाम को पूजा करे उनका भोग लगा दें। आइए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं 15 फरवरी 2024 के दिन शीतला षष्ठी व्रत के दौरान किन उपायों को करने से मां का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
शीतला षष्ठी के दिन जरूर करें ये उपाय
- अगर आपकी जिंदगी में रिश्तों के बीच अब तालमेल नहीं रहा है तो शीतला षष्ठी के दिन आटे और चीनी को मिलाकर, उसके 11 पुए बनाएं। अब माता शीतला को उन पुओं का भोग लगाएं। देवी मां को भोग लगाने के बाद पुए गाय को खिला दें। शीतला षष्ठी के दिन ऐसा करने से आपकी जिन्दगी में रिश्तों के बीच तालमेल बना रहेगा।
- अगर आप अपने घर-परिवार की खुशहाली बनाए रखना चाहते हैं तो शीतला षष्ठी के दिन कोई एक पानी पीने का बर्तन लें। अगर बर्तन मिट्टी का हो तो और भी अच्छा है। अब इस पानी के बर्तन को किसी मंदिर या किसी धर्मस्थल पर दान कर दें। शीतला षष्ठी के दिन ऐसा करने से आपके घर-परिवार की खुशहाली हमेशा बनी रहेगी।
- अगर आप अपने कामों की सफलता सुनिश्चित करना चाहते हैं तो शीतला षष्ठी की सुबह स्नान आदि के बाद माता शीतला के मंदिर जाएं। अगर आप मंदिर न जा पाएं तो घर के बाहर एक पत्थर रखकर, उसको पानी से अच्छे से धोकर साफ-सफाई करें और उस पत्थर की ही पूजा करें। दरअसल माता शीतला का एक नाम पथवारी माता भी है। इसलिए शीतला षष्ठी के दिन रास्ते के पत्थर को माता का स्वरूप मानकर उसकी पूजा की जाती है। पूजा के लिए एक सफेद कोरे कागज पर थोड़े-से काले चने रखकर ले जाएं और माता शीतला को अर्पित करें। साथ ही देवी मां से अपने कामों की सफलता सुनिश्चित करने के लिए प्रार्थना करें। इस प्रकार पूजा के बाद वहां रखें काले चने में से कुछ चने के दानों को अपने घर वापस ले आएं और उन्हें शीतला षष्ठी के पूरा दिन अपने पास रखें। शीतला षष्ठी के अगले दिन उन दानों को बहते जल में प्रवाहित कर दें। शीतला षष्ठी के दिन ऐसा करने से आपके कामों की सफलता सुनिश्चित होगी।
- अगर आप अपने बिजनेस में बढ़ोतरी करना चाहते हैं या अपने बिजनेस को एक नए आयाम तक ले जाना चाहते हैं तो शीतला षष्ठी के व्रत वाले दिन सुबह स्नान आदि के बाद माता शीतला के इस मंत्र का 21 बार जाप करें। मंत्र है- ऊँ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः। शीतला षष्ठी के दिन ऐसा करने से आपके बिजनेस में बढ़ोतरी होगी और आपके बिजनेस को एक नए आयाम तक पहुंचने में कामयाबी मिलेगी।
- अगर आप खुद को हर वक्त मुसीबतों से घिरा पाते हैं या आपके जीवन में कुछ दिनों से किसी प्रकार की परेशानी चल रही है तो शीतला षष्ठी के दिन आपको अपने घर के बाहर पश्चिम दिशा में नीम का पेड़ लगाना चाहिए और शीतला षष्ठी के दिन से उसकी नियमित रूप से देखभाल करनी चाहिए। अगर आप शीतला षष्ठी के दिन नीम का पेड़ न लगा पाएं तो शीतला षष्ठी के दिन किसी नीम के पेड़ के पास जाकर केवल उसको प्रणाम करें। परंतु बाद में मौका मिलने पर पेड़ भी जरूर लगाएं। शीतला षष्ठी के दिन ऐसा करने से आपकी परेशानियों का हल जल्द ही निकलेगा।
- अगर आप किसी भी प्रकार के भय, रोग आदि से छुटकारा पाना चाहते हैं तो शीतला षष्ठी के दिन आपको शीतलाष्टक स्त्रोत में दिए माता शीतला के इस मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र है- वन्देहं शीतलां देवीं सर्वरोग भय अपहाम्। यामासाद्य निवर्तेत विस्फोटक भयं महत्।। ।शीतला षष्ठी के दिन माता शीतला के इस मंत्र का जाप करने से आपको हर प्रकार के भय, रोग आदि से जल्द ही छुटकारा मिलेगा।
- अगर आप अपने ऊपर माता शीतला की कृपा बनाए रखना चाहते हैं, जिससे आपके घर की खुशहाली भी बनी रहे तो शीतला षष्ठी के दिन आपको इस मंत्र के साथ माता शीतला की उपासना करनी चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- वन्देहं शीतलां देवीं रासभ स्थांदिग अम्बराम्।। मार्जनी कलश उपेतां सूर्प अलंकृत मस्तकाम्।। । शीतला षष्ठी के दिन ऐसा करने से आपके ऊपर माता शीतला की कृपा बनी रहेगी। लिहाजा आपके घर की खुशहाली भी बनी रहेगी।
- अगर आप अपने परिवार की सुख-शांति बनाए रखना चाहते हैं तो शीतला षष्ठी के दिन अपने बच्चों समेत शीतला माता की पूजा के लिए जाएं और वहां जाकर धूप-दीप आदि से माता की विधि-पूर्वक पूजा करें। पूजा के बाद माता की मूर्ति के पास पड़ी धूल को अपने माथे पर लगाना न भूलें। शीतला षष्ठी के दिन ऐसा करने से आपके परिवार की सुख-शांति बनी रहेगी।
- अगर आपके बच्चे की सेहत कुछ दिनों से ठीक नहीं चल रही है तो उसकी अच्छी सेहत के लिए शीतला षष्ठी के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर एक साबुत हल्दी का टुकड़ा लें और उस हल्दी के टुकड़े को एक सफेद रंग के कपड़े में लपेट दें। अब कपड़े में लिपटे हुए उस हल्दी के टुकड़े को लाल धागे की सहायता से बांधकर, माता शीतला का ध्यान करते हुए अपने बच्चे के गले में पहना दें और इसे 11 दिनों तक पहनाए रखें। ग्यारहवें दिन उस हल्दी के टुकड़े को बच्चे के गले से निकालकर बहते जल में प्रवाहित कर दें। शीतला षष्ठी के दिन इस प्रकार ये उपाय करने से आपके बच्चे की सेहत कुछ दिनों में ही अच्छी हो जाएगी।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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