Tuesday, November 05, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. धर्म
  3. त्योहार
  4. Karwa Chauth Puja Vidhi: इस विधि के साथ करें करवा चौथ की पूजा, कुछ भी मिस न करें

Karwa Chauth Puja Vidhi: इस विधि के साथ करें करवा चौथ की पूजा, कुछ भी मिस न करें

Karwa Chauth 2023: 1 नवंबर को करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा। इस व्रत को करने से पति की आयु लंबी होती है और वैवाहिक जीवन सुखी रहता है। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए कि किस विधि के साथ करवा चौथ की पूजा करें।

Written By : Acharya Indu Prakash Edited By : Vineeta Mandal Updated on: October 30, 2023 12:47 IST
Karwa Chauth 2023- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Karwa Chauth 2023

Karwa Chauth Vrat 2023 Significance: कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत किया जाता है। व्रत का पारण चांद देखकर ही किया जाता है। इस साल करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर, 2023 को रखा जाएगा। करवा चौथ के इस व्रत को करक चतुर्थी या दशरथ चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।  आज भगवान शिव, गणेश जी और स्कंद यानि कार्तिकेय के साथ बनी गौरी के चित्र की सभी उपचारों के साथ पूजा की जाती है। करवा चौथ का व्रत करने से जीवन में पति का साथ हमेशा बना रहता है, सौभाग्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

करवा चौथ व्रत पूजा विधि

करवा चौथ की पूजा के लिए घर के उत्तर-पूर्व दिशा के कोने को अच्छे से साफ करके, लकड़ी का पाटा बिछाकर उस पर शिवजी, मां गौरी और गणेश जी की प्रतिमा, तस्वीर या चित्र स्थापित कर दें। बाजार में करवा चौथ की पूजा के लिए कैलेंडर भी मिलते हैं, जिस पर सभी देवी-देवताओं के चित्र बने होते हैं। इस प्रकार देवी- देवताओं की स्थापना करके पाटे की उत्तर दिशा में एक जल से भरा लोटा या कलश स्थापित करें और उसमें थोड़े-से चावल डाल दें। अब उस पर रोली, चावल का टीका लगाकर लोटे पर मौली बांध दें।

कुछ लोग कलश के आगे मिट्टी से बनी गौरी जी या सुपारी पर मौली लपेटकर भी रखते हैं। इस प्रकार कलश की स्थापना के बाद मां गौरी की पूजा करनी चाहिए और उन्हें सिंदूर चढ़ाना चाहिए। इस दिन चीनी से बने करवे का भी पूजा में बहुत महत्व होता है। कुछ लोग मिट्टी से बना करवा भी रख लेते हैं। साथ ही चार पूड़ी और चार लड्डू तीन अलग-अलग जगह लेकर, एक हिस्से को पानी वाले कलश के ऊपर रख दें। दूसरे हिस्से को मिट्टी या चीनी के करवे पर रखें और तीसरे हिस्से को पूजा के समय महिलाएं अपने साड़ी या चुनरी के पल्ले में बांध लें। कुछ जगहों पर पूड़ी और लड्डू के स्थान पर मीठे पुड़े भी चढ़ाए जाते हैं। आप अपनी परंपरा के अनुसार इन सब का चुनाव कर सकते हैं।

अब देवी मां के सामने घी का दीपक जलाएं और उनकी कथा पढ़ें। इस प्रकार पूजा के बाद अपनी साड़ी के पल्ले में रखे प्रसाद और करवे पर रखे प्रसाद को अपने बेटे या अपने पति को खिला दें और कलश पर रखे प्रसाद को गाय को खिला दें। बाकी पानी से भरे कलश को पूजा स्थल पर ही रखा रहने दें। रात को चंद्रोदय होने पर इसी लोटे के जल से चंद्रमा को अर्घ्य दें और घर में जो कुछ भी बना हो, उसका भोग लगाएं। इसके बाद व्रत का पारण करें। बता दें कि 1 नवंबर को दिन चंद्रोदय रात 8 बजे होगा।

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)

ये भी पढ़ें-

Karwa Chauth 2023: करवा चौथ के दिन करें इस व्रत कथा का पाठ, दांपत्य जीवन से लेकर सौभाग्यवती होने का मिलेगा आशीर्वाद

Karwa Chauth 2023: करवा चौथ पर बन रहा है 'महासंयोग', इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से मिलेगा अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद

Karwa Chauth 2023: कैसे शुरू हुआ करवा चौथ का व्रत? कौन थीं मां करवा, आइये जानते हैं इसकी पौराणिक कथा

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Festivals News in Hindi के लिए क्लिक करें धर्म सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement