Highlights
- हिंदू धर्म में मांग में सिंदूर लगाने की प्रथा बहुत पहले से ही चली आ रही है।
- मांग में सिंदूर होना स्त्री के विवाहित होने का प्रतीक माना जाता है।
Karwa Chauth 2022: हिंदू धर्म में मांग में सिंदूर लगाने की प्रथा बहुत पहले से ही चली आ रही है। मांग में सिंदूर होना स्त्री के विवाहित होने का प्रतीक माना जाता है। वैसे तो सुहागिन स्त्रियों को विवाह और विशेष मौकों पर पूरे सोलह श्रृंगार करने का विधान है। लेकिन इसमें सिदूंर को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। सुहागिन स्त्री जब तक मांग मे सिंदूर नहीं लगाती तब तक उसका श्रृंगार अधूरा माना जाता है। बात करें करवा चौथ व्रत की तो, इस व्रत को करने से पति की आयु लंबी होती है और महिला को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
करवा चौथ पर सिंदूर लगाने का महत्व
करवा चौथ का व्रत महिलाएं पति की दीर्घायु की कामना के लिए करती हैं। इस साल करवा चौथ गुरुवार 13 अक्टूबर 2022 को है। करवा चौथ ऐसा त्योहार है जिसमें भारतीय परंपराओं को पूरी तरह से निभाया जाता है। इसलिए सुहागिन महिलाओं के व्रत रखने और सोलह श्रृंगार करने का महत्व होता है। करवा चौथ में सिंदूर लगाना महत्वपूर्ण होता है।
Karwa Chauth 2022: करवा चौथ के दिन अपनाएं ये 5 टोटके, वैवाहिक जीवन में आएगी खुशी
क्यों जरूरी है मांग भरना
मांग में सिंदूर लगाना सुहागिन स्त्री के विवाहित होने का सूचक होता है। शास्त्रों में महिला के मांग भरने के संस्कार को सुमंगली क्रिया कहा जाता है। विवाह के बाद प्रतिदिन विवाहित स्त्री को अपनी मांग जरूर भरनी चाहिए। लेकिन करवाचौथ पर लाल रंग के सिंदूर से अपनी मांग जरूर भरे।
सिंदूर से मांग भरने की परंपरा
मांग में सिंदूर लगाने की परंपरा का उल्लेख रामायण और महाभारत काल से ही मिलता है। जिसके अनुसार माता सीता भी सिंदूर से मांग भरा करती थीं। धार्मिक और पौराणिक कथाओं के अनुसार माता पार्वती भी मांग में सिंदूर लगाती थीं। महाभारत महाकाव्य के अनुसार द्रौपदी ने एक बार क्रोध और निराशा में आकर अपने माथे का सिंदूर पोंछ दिया था। सिंदूर लगाने को लेकर एक अन्य मान्यता यह भी है कि पृथ्वी पर माता लक्ष्मी का पांच स्थानों पर वास होता है जिसमें से एक स्थान सिर है। इसलिए भी विवाहित महिलाओं को मांग में सिंदूर भरना चाहिए। इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर पर सुख-समृद्धि आती है।
Karwa Chauth Makeup Tips: करवा चौथ पर खास है दिखना तो इन टिप्स को करें फॉलो, दिखेंगी सबसे अलग
सिंदूर के रंगों का महत्व
हिंदू विवाह में सिंदूरदान की परंपरा होती है। इसके बाद से स्त्री तब तक अपनी मांग भरती है जब तक वह सुहागिन होती है। मांग में लगाने वाले सिंदूर मुख्यत: दो रंगों के होते हैं लाल और दूसरा पीला। पीले रंग के सिंदूर को यूपी-बिहार जैसे राज्यों में भखरा सिंदूर भी कहा जाता है। मान्यता है कि माता सती और पार्वती की शक्ति और ऊर्जा लाल रंग से ही हुई है। इसलिए स्त्रियां लाल रंग का सिंदूर लगाती हैं। लेकिन विवाह में सिंदूरदान के दौरान पीले रंग का सिंदूर लगाने का नियम है। लाल रंग विवाहित स्त्री की खुशियां, ताकत, स्वास्थ्य, सुंदरता आदि से भी जुड़ा होता है।
Karwa Chauth 2022: करवा चौथ के दिन इन फूलों से बालों को करें स्टाइल, खूबसूरती में लग जाएंगे चार चांद