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Kartik Purnima 2023: कार्तिक पूर्णिमा के दिन पुष्कर में होता है 'महा स्नान', मिलता है पंचतीर्थों के दर्शन के बराबर का फल

Kartik Purnima 2023: कार्तिक पूर्णिमा के दिन पुष्कर में स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन पुष्कर में स्नान करने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होती है।

Written By: Aditya Mehrotra
Updated on: November 28, 2023 10:06 IST
Kartik Purnima 2023- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Kartik Purnima 2023

Kartik Purnima 2023: कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन स्नान का सबसे बड़ा महत्व है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा का स्नान 27 नवंबर होगा। इस दिन राजस्थान स्थित पुष्कर सरोवर में स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है। आइए जानते हैं की पुष्कर सरोवर में स्नान करने से क्या लाभ मिलता है।

हिंदू धर्म के अति पानव महीना कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि सबसे महत्वपूर्ण तिथि है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन राजस्थान स्थित पुष्कर सरोवर में महा स्नान होता है। इस बार उदयातिथि के अनुसार पुष्कर स्नान 27 नवंबर 2023 दिन को है। वैसे तो यहां देवउठनी एकादशी से स्नान शुरू हो जाता है। लेकिन पुष्कर स्नान का महत्व कार्तिक पूर्णिमा के दिन शास्त्रों में सबसे लाभदायक बताया है। आइए जानते हैं पुष्कर स्नान करने से क्या लाभ मिलता है।

राजस्थान के अजमेर शहर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर यह पावन पुष्कर झील पड़ती है। पौराणिक मान्यता है कि यह ब्रह्मा जी का एकलोता मात्र स्थान है। माना जाता है की यहां स्वयं ब्रह्मा जी के हाथ से पुष्प छूट कर गिरा था। जिस जगह यह पुष्प गिरा उस जगह ब्रह्मा जी द्वारा यज्ञ कराया गया। पुष्प गिरने के कारण इस पौराणिक स्थान का नाम पुष्कर तीर्थ पड़ गया। आज के समय में यहां सरोवर है जो अति पावन है। प्रत्येक पर्व कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां लाखों श्रद्धालु स्नान करने आते हैं। माना जाता है कि पुष्कर स्नान करने से जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। मान्यता है कि पुष्कर को तीर्थों का मुख कहा गया है और जिस प्रकार प्रयाग को तीर्थों का राजा कहा जाता है उसी प्रकार इसे पुष्कराज कहते हैं।

पुष्कर तीर्थ में सिर्फ एक मात्र ब्रह्मा जी का ऐसा मंदिर है जहां उनकी पूजा होती है। यहां पर ब्रह्मा जी का मंदिर है, सावित्री देवी, विष्णु जी और शिव जी का मंदिर है। इसी के साथ यहां कि मान्यता है कि ज्योष्ठ पुष्कर के देवता ब्रह्मा जी हैं, मध्य पुष्कर के देवता भगवान विष्णु और कनिष्क पुष्कर के देवता भगवान शिव हैं। 

पुष्कर स्नान का महत्व

कार्तिक पूर्णिमा के दिन पुष्कर स्नान करने से जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। मान्यता है कि सरोवर पंच तीर्थो में से एक है। यह जो भी कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान और दान करता है। उसके जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती है। इस पवित्र सरोवर में स्नान करने से मन शांत हो जाता है और जीवन में सफलता की और बढ़ता है माना जाता है कि यदि किसी ने जीवन में ज्यादा तीर्थ दर्शन नहीं किए जो यहां स्नान कर के पंचतीर्थों के दर्शन का फल एक ही बार में मिल जाता है। पुष्कर स्नान के पीछे यह भी मान्यता है कि जो चार धाम की यात्रा करने के बाद पुष्कर तीर्थ में आकर स्नान नहीं करता है उसकी चार धाम यात्रा अधूरी मानी जाती है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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