Kartik Purnima Dev Deepawali 2022: इस साल 8 नवंबर यानी सोमवार के दिन कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस दिन को देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि देव दीपावली के दिन सभी देवी-देवता स्वर्ग से धरती पर आते हैं। इसके अलावा यह भी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के ही दिन भगवान भोलेनाथ ने देवताओं की प्रार्थना सुनरकर त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। इसी खुशी में देवताओं ने दीप जलाकर उत्सव मनाया था। इस दिन को त्रिपुरारी पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है। देव दीपावली या कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है। देव दीपावली के दिन शिव की नगरी काशी (वाराणसी) में गंगा के सभी घाटों पर अनगिनत लाखों दीएं जलाएं जाते हैं। देव दीपावली के दिन शिव मंदिर में पूजा अर्चना करने से भी मन की हर मनोकामना पूर्ण होती है।
कार्तिक पूर्णिमा पर दान का विशेष महत्व
पूर्णिमा 8 नवंबर को शाम 4 बजकर 31 मिनट तक रहेगी । उसके बाद मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। कार्तिक पूर्णिमा को स्नान, दान और हवन आदि का बहुत ही महत्व है। माना जाता है कि पूर्णिमा पर दिए गए दान-दक्षिणा का फल कई गुना होकर हमें वापस मिलता है। असल में कार्तिक मास की पूर्णिमा मनुष्य के अंदर छुपी बुराईयों को, निगेटिविटी को, अहंकार, काम, क्रोध, लोभ और मोह को दूर करने में सहायता करती है और जीवन में पॉजिटिविटी, प्रसन्नता और पवित्रता का संचार करती है।
गंगा स्नान करने से मिलता लाभ
कार्तिक पूर्णिमा के दिन किसी तीर्थ स्थल पर स्नान करने से सालभर तीर्थ स्थलों पर स्नान का फल मिलता है। मान्यता है कि पूर्णिमा (Kartik Purnima) के दिन श्रीहरि विष्णु जी स्वयं गंगाजल में निवास करते हैं। शास्त्रों में इस दिन सबसे अधिक प्रयागराज में स्नान-दान का महत्व बताया गया है, लेकिन अगर आप कहीं बाहर नहीं जा सकते तो घर पर ही नहाने के पानी में थोड़ा-सा गंगाजल डालकर, पवित्र नदियों का ध्यान करते हुए स्नान करें और गायत्री मंत्र का जाप करें। पूर्णिमा के दिन स्नान के बाद तिल, गुड़, कपास, घी, फल, अन्न, कंबल, वस्त्र आदि का दान करना चाहिए। साथ ही किसी जरूरतमंद को भोजन कराना चाहिए।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन इन चीजों का करें दान
- वस्त्र
- गुड़
- अनाज
- दूध
- तिल
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
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