Karj Mukti Upay: ज्योतिष शास्त्र में कई सारे पेड़-पोधे ऐसे बताए गए हैं जिनका महत्व धन-संपदा के लिहाज से बड़ा शुभ माना जाता है। पैसों की हानि, कारोबार में कमाई का न होना या फिर कर्ज में फंस जाने से व्यक्ति की उन्नति रुक जाती है। ऐसे में आज हम जिस पेड़ के बारे में आपको बताने जा रहे हैं उसे धन लाभ का सूचक माना जाता है। इसके कुछ सरल उपाय करने से आपकी कर्ज से जुड़ी समस्याएं भी मिट जाएंगी हैं।
आपने अर्जुने के पेड़ के बारे में तो सुना होगा, हिंदू धर्म में इस वृक्ष का सर्वाधिक महत्व है। इसी के साथ इसकी छाल धन लाभ और कर्ज से मुक्ति दिलाने में बहुत उपयोगी मानी जाती है। आइए जानते हैं अर्जुन की छाल के कुछ अचूक ज्योतिष उपायों के बारे में जिसे अपनाने से आपकी आर्थिक स्थिति में तो सुधार आएगा ही, साथ ही आप कर्ज से भी शीघ्र मुक्ति पा जाएंगे।
कर्ज से मुक्ति पाने के अचूक उपाय
- अगर आप कर्ज से परेशान हो चुके हैं और इससे मुक्ति पाना चाहते हैं तो अर्जुन की छाल को लाल कपड़े में लपेट लें और उसे मां लक्ष्मी की प्रतिमा के सम्मुख अर्पित कर दें। इसके बाद छाल को कपड़े सहित बहते पवित्र तीर्थ जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से आप अपने सारे कर्ज निपटाने में सक्ष्म रहेंगे।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अर्जुन के पेड़ की छाल पर लाल चंदन लगा कर उसे लाल कपड़ में रख लें। उसके बाद उसे घर की तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से आपके धन की वृद्धि होगी और आपके ऊपर से कर्ज का भार भी कम हो जाएगा।
- पूजा पद्धति के अनुसार अर्जुन की छाल को कपूर के साथ संध्याकाल में सूर्यास्त के बाद जलाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता है और धन की समस्याओं से निजात मिलता है।
- व्यापार में अगर आपको बार-बार नुकसान हो रहा है तो वास्तु शास्त्र के अनुसार अर्जुन के पेड़ की छाल को दुकान के गल्ले में लाल कपड़े से बांध कर रखने से आपके कारोबार की वृद्धि होगी और धन की हानि से आप बचे रहेंगे।
- अगर आप नौकरी में उन्नति पाना चाहते हैं तो अर्जुन की छाल को पीले कपड़े में लपेट कर उसे अपने पास रंख लें या दाएं हाथ की बाजू में पीले कपड़े से लिपटी अर्जुन की छाल को बांध लें। आपके किस्मत के बंद दरबाजे खुल जाएंगे और दिन दूनी, रात चौगुनी तरक्की आपको मिलेगी।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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