Kalashtami 2024 Upay: सोमवार को कालाष्टमी है। प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनायी जाती है। कालाष्टमी के दिन भगवान शंकर के भैरव स्वरूप की उपासना की जाती है। दरअसल भैरव के तीन रूप हैं- काल भैरव, बटुक भैरव और स्वर्णा कर्षण भैरव। आज के दिन इनमें से काल भैरव की उपासना की जाती है। कहते हैं आज के दिन किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करने के बाद भैरव जी की पूजा करनी चाहिए। जो लोग किसी नदी या तालाब में स्नान के लिए नहीं जा सकते, वो घर पर ही अपने स्नान के पानी में पवित्र नदियों का आह्वान करके स्नान कर लें। ऐसा करने से आपके जीवन से सारी परेशानियां दूर होंगी, हर प्रकार के भय से छुटकारा मिलेगा और सुख-साधनों में बढ़ोतरी होगी। तो आइए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं कि सोमवार और कालाष्टमी के संयोग में किए जाने वाले विशेष उपायों के बारे में।
कालाष्टमी के दिन करें ये उपाय
- अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे के ऊपर किसी ने जादू-टोना करवा रखा है, जिसके असर के चलते आपका बच्चा तरक्की नहीं कर पा रहा है तो कालाष्टमी के दिन एक मुट्ठी काले तिल लेकर, भैरव बाबा का ध्यान करते हुए अपने बच्चे के सिर से सात बार वार दें। ध्यान रहे छः बार क्लॉक वाइज़ और एक बार एंटी क्लॉक वाइज़ वारना है। वारने के बाद उन तिलों को किसी बहते पानी के स्रोत में प्रवाहित कर दें और तिल प्रवाहित करते समय मंत्र का जप करें। मंत्र है-'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ'।
- अगर आप अपने आर्थिक रूप से लाभ को और अधिक बढ़ाना चाहते हैं, तो कालाष्टमी के दिन आपको स्नान आदि के बाद भैरव जी की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए और उन्हें जलेबी का भोग लगाना चाहिए। साथ ही उनके मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है-'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ।'
- अगर आपको लगता है कि आपके घर में निगेटिविटी बहुत अधिक हो गई है, जिसकी वजह से आपके परिवार के लोगों का किसी काम में अच्छे से मन नहीं लगता, तो कालाष्टमी के दिन आपको मौली से एक लंबा-सा धागा निकालकर, उसमें सात गांठे लगाकर अपने घर के मेन गेट पर बांधना चाहिए। एक-एक गांठ लगाते समय मंत्र का जप भी करें। मंत्र है- 'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ'।
- अगर आपके जीवनसाथी को किसी प्रकार की परेशानी बनी हुई है, जिसके कारण आप भी परेशान हैं तो अपनी और अपने जीवनसाथी की परेशानी को दूर करने के लिए कालाष्टमी के दिन आपको स्नान आदि के बाद शिव जी की प्रतिमा के आगे आसन बिछाकर बैठना चाहिए और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए। शिव चालीसा के पाठ के बाद एक बार भैरव के मंत्र का भी जप करना चाहिए। मंत्र है- 'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ'।
- अगर आप अपने जीवन में स्थिरता बनाये रखना चाहते हैं तो उसके लिए कालाष्टमी के दिन आपको स्नान आदि के बाद भैरव बाबा को काले तिल अर्पित करने चाहिए। साथ ही घंटा या घंटी बजाकर मंत्र बोलते हुए भगवान की पूजा करनी चाहिए। मंत्र है- 'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ'।
- अगर आप किसी दुविधा में फंसे हुए है और उससे बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, तो कालाष्टमी के दिन आपको शमी के पेड़ की जड़ में जल और मंदिर में सूत का धागा चढ़ाना चाहिए। इसके बाद मन ही मन भैरव जी का ध्यान करके उनके मंत्र का जप करें। मंत्र है-'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ'।
- अगर आपको जीवन में कोई परेशानी है। तो उसे अपने जीवन से दूर करने के लिए कालाष्टमी के दिन आपको सरसों के तेल में चुपड़ी हुई एक रोटी लेकर काले कुत्ते को डालनी चाहिए। रोटी पर तेल चुपड़ते समय भैरव का ध्यान करते हुए 5 बार मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र है- 'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ।'
- अगर आप अपने बिजनेस को दूर शहरों या विदेशों में फैलाना चाहते हैं। तो उसके लिए कालाष्टमी के दिन किसी भैरव मंदिर में जाकर भैरव जी को सवा सौ ग्राम साबुत उड़द चढ़ाएं और चढ़ाने के बाद उसमें से 11 उड़द के दाने गिनकर अलग निकाल लें और उन्हें एक काले कपड़े में बांधकर अपने कार्यस्थल पर तिजोरी में रख दें। साथ ही ध्यान रखें कि दानों को कपड़े में रखते समय हर दाने के साथ ये मंत्र पढ़ें। मंत्र है-
'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ'।
- अगर आपको अपने बिजनेस में साझेदार से पूरी तरह सहयोग नहीं मिल पा रहा है, जिससे आपके काम पूरे नहीं हो पा रहे हैं। तो कालाष्टमी के दिन आपको रोटी में शक्कर मिलाकर उसका चूरमा बनाना चाहिए और उससे भैरव बाबा को भोग लगाना चाहिए। साथ ही उनके इस मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र है- 'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ'। मंत्र जप के बाद थोड़ा-सा चूरमा प्रसाद के रूप में स्वयं खा लें और बाकी प्रसाद को दूसरे लोगों में बांट दें।
- अगर आप अपने सुख-साधनों में बढ़ोतरी करना चाहते हैं। तो कालाष्टमी के दिन आपको भैरव जी के आगे मिट्टी के दीपक में सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए और दीपक जलाते समय दो बार मंत्र पढ़ना चाहिए। मंत्र है- 'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ'। साथ ही भैरव जी से अपने सुख-साधनों में बढ़ोतरी के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।
- अगर आपको किसी प्रकार का भय बना रहता है, तो उस भय से छुटकारा पाने के लिए कालाष्टमी के दिन आपको भैरव जी के चरणों में एक काले रंग का धागा रखना चाहिए। उस धागे को 5 मिनट के लिए वहीं पर रखा रहने दीजिये और इस दौरान मंत्र का जप कीजिये। मंत्र है- 'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ'।
- अगर आपको अपनी पढ़ाई-लिखाई से संबंधित किसी प्रकार की परेशानी आ रही है, तो उस परेशानी से बाहर निकलने के लिए कालाष्टमी के दिन स्नान आदि के बाद आपको शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए। साथ ही शिवलिंग पर चंदन का टीका लगाना चाहिए।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7:30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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