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Kalashtami 2022: काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए कालाष्टमी के दिन करें ये उपाय, रोग-दोष और भय से भी मिलेगी मुक्ति

Kalashtami Vrat 2022: आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए कालाष्टमी के दिन भैरव के किस उपाय को करने से आपकी परेशानी दूर हो सकती है साथ ही जानिए शुभ फलों की प्राप्ति के लिए आपको कौन-से खास उपाय करने चाहिए।

Edited By: Sushma Kumari @ISushmaPandey
Updated on: September 17, 2022 16:31 IST
Kalashtami Vrat 2022- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Kalashtami Vrat 2022

Kalashtami Vrat 2022:  हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी मनायी जाती है। इस बार कालाष्टमी  18 सितंबर को पड़ रही है। इस दिन भगवान शंकर के भैरव स्वरूप की उपासना की जाती है। इन्हें तंत्र-मंत्र का देवता भी माना जाता है। इस दिन सुबह किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करने के बाद पितरों का तर्पण करना चाहिए और उसके बाद भैरव जी की पूजा करनी चाहिए। जो लोग किसी नदी या तालाब में स्नान के लिए नहीं जा सकते, वो घर पर ही अपने स्नान के पानी में पवित्र नदियों का आह्वाहन करके स्नान कर लें।  ऐसा करने से आपके जीवन से सारी परेशानियां दूर होंगी, हर प्रकार के भय से छुटकारा मिलेगा और सुख-साधनों में बढ़ोतरी होगी।

 साथ ही आज जीवित्पुत्रिका व्रत है । इसे जीउतिया के नाम से भी जाना जाता है । इस व्रत में महिलाएं अपनी संतान की रक्षा के लिए और उनकी मंगलकामना के लिये ये व्रत करती हैं। ऐसे में आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए कालाष्टमी के दिन भैरव के किस उपाय को करने से आपकी सारी परेशानी दूर हो सकती है साथ ही शुभ फलों की प्राप्ति के लिए आपको कौन-से खास उपाय करने चाहिए।

  1. अगर आप अपने बिजनेस को दूर शहरों या विदेशों में फैलाना चाहते हैं। तो उसके लिए इस दिन किसी भैरव मन्दिर में जाकर भैरव जी को सवा सौ ग्राम साबुत उड़द चढ़ाएं और चढ़ाने के बाद उसमें से 11 उड़द के दाने गिनकर अलग निकाल लें और उन्हें एक काले कपड़े में बांधकर अपने कार्य स्थल पर तिजोरी में रख दें। साथ ही ध्यान रखें कि दानों को कपड़े में रखते समय हर दाने के साथ ये मंत्र पढ़ें- 'ऊं ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ।'  ऐसा करने से आपका बिजनेस दूर शहरों और विदेशों तक फैलेगा।
  2. अगर आप अपने सुख-साधनों में बढ़ोतरी करना चाहते हैं। तो इस दिन आपको भैरव जी के आगे मिट्टी के दीपक में सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए और दीपक जलाते समय दो बार मंत्र पढ़ना चाहिए- 'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ।'  साथ ही भैरव जी से अपने सुख-साधनों में बढ़ोतरी के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके सुख-साधनों में निश्चय ही बढ़ोतरी होगी।
  3. अगर आप आत्मविश्वास और साहस से भरपूर रहना चाहते हैं, तो इस दिन आपको भैरव जी के साथ ही अपने पितरों की भी पूजा करनी चाहिए और अपने पितरों के निमित्त तर्पण करना चाहिए। साथ ही किसी ब्राह्मण को श्रद्धापूर्वक भोजन खिलाना चाहिए। ऐसा करने से आप आत्मविश्वास और साहस से भरपूर रहेंगे। 
  4. अगर आपको जीवन में कोई परेशानी है। तो उसे अपने जीवन से दूर करने के लिए इस दिन आपको एक सरसों के तेल में चुपड़ी हुई रोटी लेकर काले कुत्ते को डालनी चाहिए। रोटी पर तेल चुपड़ते समय भैरव का ध्यान करते हुए 5 बार मंत्र का जाप करना चाहिए- 'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ।' ऐसा करने से आपके जीवन में जो भी परेशानी हैं, वो जल्द ही दूर हो जायेंगी। 
  5. अगर आपको किसी प्रकार का भय बना रहता है, तो उस भय से छुटकारा पाने के लिए इस दिन आपको भैरव जी के चरणों में एक काले रंग का धागा रखना चाहिए। उस धागे को 5 मिनट के लिये वहीं पर रखा रहने दीजिये और इस दौरान मंत्र का जाप कीजिये- 'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ।'  5 मिनट बाद उस धागे को वहां से उठाकर अपने दायें पैर में बांध लीजिये। ये उपाय करने से आपको जल्द ही भय से छुटकारा मिलेगा।
  6. अगर आपको अपने बिजनेस में पार्टनर से पूरी तरह सहयोग नहीं मिल पा रहा है, जिससे आपके काम पूरे नहीं हो पा रहे हैं। तो इस दिन आपको रोटी में शक्कर मिलाकर उसका चूरमा बनाना चाहिए और उससे भैरव बाबा को भोग लगाना चाहिए। साथ ही मंत्र का जाप करना चाहिए-'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ।' मंत्र जाप के बाद थोड़ा-सा चूरमा प्रसाद के रूप में स्वयं खा लें और बाकी प्रसाद को दूसरे लोगों में बता दें।  ऐसा करने से आपको पार्टनर से सहयोग मिलेगा और आपके काम भी जल्द ही पूरे होंगे।
  7. अगर आपके जीवनसाथी को किसी प्रकार की परेशानी बनी हुई है, जिसके कारण आप भी परेशान हैं तो अपनी और अपने जीवनसाथी की परेशानी को दूर करने के लिए इस दिन आपको सुबह उठकर स्नान आदि के बाद शिव जी की प्रतिमा के आगे आसन बिछाकर बैठना चाहिए और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए। शिव चालीसा के पाठ के बाद एक बार भैरव के मंत्र का भी जाप करना चाहिए- 'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ।'  ऐसा करने से आपके जीवनसाथी की परेशानी दूर होगी, जिससे आपकी भी परेशानी का हल निकलेगा।
  8. अगर आप किसी दुविधा में फसो हुए है और उससे बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, तो इस दिन आपको शमी के पेड़ की जड़ में जल और मन्दिर में सूत का धागा चढ़ाना चाहिए। इसके बाद मन ही मन भैरव जी का ध्यान करके उनके मंत्र का जाप करें- 'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ।'  ऐसा करने से आपको अपनी दुविधा से निकलने में आसानी होगी, आप जल्द ही कोई अच्छा सॉल्यूशन ढूंढ पायेंगे।
  9. अगर आप अपने आर्थिक रूप से लाभ को और अधिक बढ़ाना चाहते हैं। तो इस दिन आपको सुबह स्नान आदि के बाद भैरव जी की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए और उन्हें जलेबी का भोग लगाना चाहिए। साथ ही उनके मंत्र का जाप करना चाहिए-'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ।' ऐसा करने से आपको मिलने वाले आर्थिक लाभ में तेजी से बढ़ोतरी होगी।

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं)

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