Kajri Teej 2024: कजरी तीज का त्योहार भारत के कई हिस्सों में बड़ी श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मनाया जाता है। यह मुख्य रूप से उत्तर भारत के राज्यों जैसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, और मध्य प्रदेश में प्रसिद्ध है। कजरी तीज को कजली तीज या बूढ़ी तीज के नाम से भी कई स्थानों पर पुकारा जाता है। यह त्योहार खासतौर पर महिलाओं के लिए होता है, जो अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। आज हम आपको बताएंगे कि कजरी तीज के दिन किस विधि से आपको पूजा करनी चाहिए जिससे वैवाहिक और प्रेम जीवन में आपको अच्छे परिणाम प्राप्त हों।
कजरी तीज की पूजा विधि:
1. इस तरह करें व्रत की तैयारी
- कजरी तीज के दिन अगर आप व्रत रखने वाली हैं तो आपको सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लेना चाहिए और स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए।
- इसके बाद व्रत का संकल्प लेकर व्रत के नियमों का पालन आपको करना चाहिए।
2. पूजा सामग्री
- पूजा की थाली में महिलाओं को कच्चा सूत, रोली, अक्षत, सिंदूर, मेहंदी, काजल, श्रृंगार की सामग्री, घी, धूप, दीप, मिठाई, और फल रखने चाहिए।
- गीली मिट्टी या बालू से आपको भगवान शिव, माता पार्वती और उनके वाहन नंदी की मूर्तियाँ बनानी चाहिए।
- पूजा स्थल पर जल से भरा हुआ कलश रखें और उसके ऊपर एक नारियल भी आपको रखना चाहिए।
- पूजा स्थल को फूलों से अगर आप सजाती हैं तो इसे बहुत शुभ माना जाता है।
4. कजरी तीज की पूजा विधि:
- पूजा के दौरान आपको सबसे पहले, भगवान शिव, माता पार्वती और नंदी जी की विधिवत पूजा करनी है।
- इसके बाद भगवान की आरती करें और उन्हें भोग अर्पित करें।
- तत्पश्चात, पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए शिव-पार्वती का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प आपको लेना चाहिए।
- कजरी तीज के दौरान सुहाग का सामान भी बांटा जाता है, जिसमें मेहंदी, चूड़ी, बिंदी, सिंदूर आदि शामिल होते हैं।
- कजरी तीज के व्रत का पारण रात में चंद्र दर्शन के बाद आपको करना चाहिए।
- व्रत का पारण करते समय चंद्र दर्शन के साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती की आरती भी आपको करनी चाहिए।
- महिलाएं फल और मिठाई का सेवन करके व्रत का पारण कर सकती हैं।
कजरी तीज का महत्व
कजरी तीज का त्योहार महिलाओं के लिए बेहद खास माना जाता है। यह व्रत पति की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए रखा जाता है। कजरी तीज का त्योहार हमारे जीवन में प्रेम और सौहार्द को बढ़ाने वाला माना जाता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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