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Sheetala Ashtami 2023: शीतला अष्टमी आज, इस विधि के साथ करें पूजा होगी धन वर्षा और आएगी खुशहाली, जानें शुभ मुहूर्त

Sheetala Ashtami 2023: शीतलाष्टमी के दिन स्नान आदि के बाद विधि-पूर्वक देवी शीतला की उपासना करनी चाहिए साथ ही शीतला माता के निमित्त व्रत करने और बांसी भोजन करने की परंपरा है, साथ ही देवी मां को भी बांसी भोजन का भोग लगाने की परंपरा है।

Written By : Acharya Indu Prakash Edited By : Sushma Kumari Published on: May 12, 2023 5:51 IST
Sheetala Ashtami 2023- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Sheetala Ashtami 2023

Sheetala Ashtami 2023: हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को श्री शीतलाष्टमी मनायी जाती है। इस बार शीतलाष्टमी व्रत आज यानी 12 मई को पड़ रही है। इस दिन माता शीतला की उपासना का दिन है। शीतलाष्टमी के दिन स्नान आदि के बाद विधि-पूर्वक देवी शीतला की उपासना करनी चाहिए साथ ही शीतला माता के निमित्त व्रत करने और बांसी भोजन करने की परंपरा है, साथ ही देवी मां को भी बांसी भोजन का भोग लगाने की परंपरा है। लोग सप्तमी के दिन माता शीतला के लिए मीठे चावल और बासी रोटी का भोग तैयार करते हैं और सुबह अष्टमी को यह भोग माता को अर्पित किया जाता है।  आइए जानते हैं शीतलाष्टमी व्रत की पूजा- विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त के बारे में। 

शीतला अष्टमी शुभ मुहूर्त

शीतला अष्टमी की शुरुआत 12 मई दोपहर 02 बजकर 04 मिनट पर होगी और इसका समापन 13 मई को दोपहर 02 बजकर 15 मिनट पर होगा। 

बासी भोजन चढ़ाना होता है शुभ

शीतला अष्टमी के दिन मां को बांसी भोजन का भोग लगाने की परंपरा है। इस दिन मां शीतला को मीठे चावल और बासी रोटी से भोग लगाया जाता है। यह भोग एक दिन पहले यानी सप्तमी के दिन शाम के समय बनाया जाता है और सुबह अष्टमी को यह भोग माता को अर्पित किया जाता है। जहां मीठे चावल गुड़, चावल से बनते हैं या फिर गन्ने के रस और चावल से बनाया जाता है।  

पूजा- विधि

अष्टमी के दिन सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें। फिर माता शीतला की तस्वीर के सामने श्रद्धा भाव से हाथों में फूल, अक्षत और कुछ दक्षिणा लेकर 'श्मम गेहे शीतलारोगजनितोपद्रव प्रशमन पूर्वकायुरारोग्यैश्वर्याभिवृद्धिये शीतलाष्टमी व्रतं करिष्येश्' मंत्र को बोलते हुए संकल्प लें। अगर आप इस मंत्र का जाप न कर पाएं तो ऐसे ही मां शीतला का स्मरण करके हुए संकल्प ले लें। 

शीतला अष्टमी व्रत महत्व

शीतला अष्टमी के दिन प्रात:काल स्नान कर विधिवत मां की अर्चना करनी चाहिए। साथ ही इस  दिन शीतला स्रोत पाठ और शीतला माता की कथा भी जरूर पढ़ना चाहिए। ऐसा करने से मां शीतला भक्तों की हर मनोकामना की पूर्ति करती हैं। शीतला अष्टमी के दिन विधि-विधान के साथ मां की पूजा करने से निरोगी होने का वरदान मिलता है। इस व्रत को करने से व्रती को अच्छा स्वास्थ्य और गंभीर बीमारियों से मुक्ति मिलती हैं।

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)

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