Sawan 5th Somwar 2023: सावन के पावन महीने की शुरुआत 4 जुलाई 2023 से हो चुकी है। भगवान शिव को समर्पित यह महीना 31 अगस्त तक चलेगा। श्रावण महीने के दौरान पड़ने वाले सोमवार का शास्त्रों में बहुत ही अधिक महत्व बताया गया है। श्रावण महीने के प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस दिन व्रत कर भगवान शिव की उपासना करने से जीवन में हर प्रकार के सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है। 7 अगस्त को श्रावण महीने का पांचवां सोमवार है। सबसे खास बात यह है कि पांचवें सावन सोमवार पर खास योग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में आइए जानते हें सावन के पांचवें की पूजा- विधि, मुहूर्त, मंत्र और सामग्री की पूरी लिस्ट के बारे में।
सावन का पांचवां सोमवार 2023 शुभ मुहूर्त
- पूजा का शुभ मुहूर्त - सुबह 9 बजकर 6 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 46 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 6 बजकर 42 मिनट से लेकर रात 7 बजकर 5 मिनट तक
- अमृत काल - शाम 6 बजकर 12 मिनट से लेकर रात 7 बजकर 47 मिनट तक
पांचवां सावन सोमवार 2023 शुभ संयोग
पंचांग के अनुसार सावन के पांचवें सोमवार पर रवि योग और शूल योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में शुभ कार्य, पूजा आदि करने से मान-सम्मान में बढ़ोत्तरी होने के साथ-साथ धन में वृद्धि होती है।
पूजा के लिए सामग्री
भगवान शिव की पूजा करने के लिए आपको फुल, पंच फल, पंचमेवा, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें, तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती जी की सोलह श्रृंगार के समान आदि की जरूरत पड़ेगी।
पूजा विधि
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
- उसके बाद सभी देवी-देवताओं को गंगाजल से अभिषेक करें।
- शिवलिंग पर गंगा जल और दूध चढ़ाएं।
- भगवान शिव को सफेद फूल, बेलपत्र, दही, शहद अर्पित करें।
- फिर भगवान शिव को पांच प्रकार के फल चढ़ाए और भोग लगाएं।
- शिव जी की आरती करें।
- पूरे दिन सिर्फ सात्विक चीजें ही खाएं।
- इस दिन ज्यादा से ज्यादा भगवान शिव का मंत्र जाप करें और अधिक से अधिक भगवान शिव का जाप करें।
भगवान शिव के मंत्र
सावन के हर सोमवार को इन मंत्रों का जाप करना चाहिए ऐसी मान्यता है कि इन मंत्रों का जाप करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। शिव जी का पंचाक्षर मंत्र: ऊँ नम: शिवाय।।
महामृत्युंजय मंत्र
- ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
- ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।
- भगवान शिव के प्रिय मंत्र
- ॐ नमः शिवाय।
- नमो नीलकण्ठाय।
- ॐ पार्वतीपतये नमः।
- ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
- ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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