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Kaal Bhairav Jayanti 2024: शुक्रवार को मनाई जाएगी काल भैरव जयंती, जान लीजिए सही पूजा मुहूर्त और नियम

Kaal Bhairav Jayanti 2024 Muhurat: शुक्रवार को काल भैरव जयंती मनाई जाएगी। इस दिन भगवान काल भैरव की पूजा करने से जीवन से सभी नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं। इसके साथ ही व्यक्ति का हर प्रकार का डर दूर हो जाता है।

Written By: Vineeta Mandal
Published : Nov 21, 2024 19:33 IST, Updated : Nov 21, 2024 21:39 IST
Kaal Bhairav Jayanti 2024
Image Source : INDIA TV Kaal Bhairav Jayanti 2024

Kaal Bhairav Jayanti 2024 Date and Muhurat: हर साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव के काल भैरव रूप की पूजा अर्चना की जाती है। कहते हैं कि काल भैरव जी की उपासना करने से सभी नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही व्यक्ति को हर तरह के भय से मुक्ति मिलती है। इस साल काल भैरव जयंती 22 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी। तो आइए अब जानते हैं कि भगवान काल भैरव की पूज के लिए शुभ मुहूर्त क्या रहेगा। साथ ही जानिए काल भैरव पूजा से जुड़े नियम के बारे में।

काल भैरव जयंती 2024 शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 22 नवंबर 2024  को शाम 6 बजकर 7 मिनट पर होगा। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का समापन 23 नवंबर को शाम 7 बजकर 56 मिनट पर होगा। काल भैरव जी की पूजा के लिए ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 54 मिनट से सुबह 5 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। अभिजीत मूहूर्त सुबह 11 बजकर 36 मिनट से दोपहर 12 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। वहीं अमृत काल दोपहर 3 बजकर 27 मिनट से शाम 5 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।

काल भैरव जयंती के दिन इन नियमों का करें पालन 

  • काल भैरव जयंती के भगवान काल भैरव के साथ दिन भोलेनाथ की भी पूजा करें। 
  • इस दिन कुत्तों को मीठी रोटी खिलाएं और दूध दें। काला कुत्ता काल भैरव का सवारी मानी जाती है। 
  • काल भैरव जयंती के दिन भैरव बाबा को नीले रंग के फूल, फल , मिठाइयां और सरसों का तेल अर्पित करें।
  • काल भैरव जयंती के दिन  सरसों तेल, फल, नमक और काला तिल का दान करें। 
  • इस दिन भैरव बाबा की प्रतिमा या तस्वीर के सामने तेल का दीया जलाएं और काल भैरव अष्टक या भैरव चालीसा का पाठ करें। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।) 

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