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Kaal Bhairav Jayanti 2022: इस दिन मनाई जाएगी काल भैरव जयंती, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Kaal Bhairav Jayanti 2022: मार्गशीर्ष मास के कृष्ण की अष्टमी तिथि को कालभैरव जयंती मनाई जाती है। इस साल यह पावन दिन 16 नवंबर को पड़ रहा है। बाबा काल भैरव को महादेव शंकर का रौद्र रूप माना जाता है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक, भैरव बाबा भक्तों से जल्द प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी हर इच्छा पूरी करते हैं।

Written By: Vineeta Mandal
Published on: November 11, 2022 21:15 IST
Kaal Bhairav Jayanti 2022 - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Kaal Bhairav Jayanti 2022

Kaal Bhairav Jayanti 2022: इस साल काल भैरव जयंती 16 नवंबर को मनाई जाएगी। हिंदू पंचाग के अनुसार, काल भैरव जयंती हर साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथी को मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान काल भैरव का जन्म हुआ था। उन्हें भगवान शिव का रौद्र रूप माना जाता है।  लेकिन भक्तों के लिए काल भैरव देवता बेहत ही दयालु और करुण माना गया है। इतना ही नहीं जो भी भक्त सच्चे दिल से उनसे प्रार्थना करते हैं उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। 

काल भैरव जयंती शुभ मुहूर्त

  • अष्टमी तिथि प्रारंभ- सुबह 5 बजकर 49 मिनट पर (16 नवंबर, 2022)
  • अष्टमी तिथि समाप्त- सुबह 07 बजकर 57 मिनट तक ( 17 नवंबर 2022)
  • काल भैरव जयंती तारिख-  16 नवंबर 2022 (मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि)

काल भैरव जयंती महत्व

बाबा काल भैरव का रूप तो काफी क्रोधित है लेकिन वह अपनों भक्तों के लिए काफी करुण हैं। अनैतिक यानी गलत काम करने वालों को काल भैरव दंडित करते हैं। कहा जाता है कि जो भी काल भैरव जी की पूजा करता है वो हर तरह के भय से मुक्त रहता है। अच्छे काम करने वालों पर काल भैरव की कृपा हमेशा बनी रहती है। इतना ही नहीं काल भैरव की पूजा करने से नकरात्मक शक्तियां काफी दूर रहती है। साथ ही ग्रह दोष समेत मृत्यु भय और किसी भी प्रकार के रोगों का खतरा भी टल जाता है

काल भैरव जयंती के दिन अपनाएं ये उपाय

  • काल भैरव का वाहन कुत्ता को माना गया है। ऐसे में कुत्ते को भोजन कराने से काल भैरव महाराज प्रसन्न होते हैं। 
  • काल भैरव जयंती के दिन भैरव चालीसा का भी पाठ करें। इस उपाय से शनि और राहु के बुरे प्रभाव से बचा जा सकता है।
  • काल भैरव जयंती के आधी रात के दिन चौमुखी दीपक जलाएं। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। INDIA TV इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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