Friday, November 22, 2024
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Kaal Bhairav Asthami 2024 Upay: अगर घर को लग गई है किसी की बुरी नजर तो भैरव अष्टमी के दिन कर लें ये काम, परिवार में वापस आएगी खुशहाली

Bhairav Asthami 2024 Upay: मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाई जाती है। भैरव अष्टमी के दिन इन उपायों को करने से सभी समस्याओं का समाधान निकल जाता है और घर में खुशियां की बारिश होती है।

Written By : Acharya Indu Prakash Edited By : Vineeta Mandal Updated on: November 22, 2024 18:10 IST
Kaal Bhairav Asthami 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Kaal Bhairav Asthami 2024

Kaal Bhairav Asthami 2024 Upay: 23 नवंबर, शनिवार को श्री महाकाल भैरव अष्टमी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी को काल भैरव की उत्पत्ति हुई थी। बता दें कि काल भैरव भगवान शिव का ही एक रूप हैं। आज के दिन काल भैरव की विशेष रूप से उपासना की जाती है। श्री भैरव नाथ अपने भक्तों पर बड़ी जल्दी कृपालु हो जाते हैं। इनकी उपासना बड़ी ही फलदायी है। आज के दिन श्री भैरव की उपासना व्यक्ति को हर तरह की परेशानी से छुटकारा दिलाती है। साथ ही इनकी उपासना करने से व्यक्ति को शीघ्र ही कर्ज से, निगेटिवीटी से, शत्रुओं से और मुकदमे के साथ ही भय, स्वास्थ्य संबंधी समस्या आदि से भी छुटकारा मिलता है। साथ ही जीवन में विजय मिलती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। 

अतः भैरव अष्टमी के दिन श्री भैरवनाथ की उपासना अवश्य ही करनी चाहिए। साथ ही श्री भैरव को तंत्रमंत्र का देवता भी माना जाता है। इनकी कृपा से हर तरह की तांत्रिक क्रियाएं निष्फल हो जाती हैं और व्यक्ति को खुशहाली मिलती है। तो आइए अब जानते हैं भैरव अष्टमी के दिन किए जाने वाले विशेष उपायों के बारे में।

भैरव अष्टमी के दिन करें ये आसान उपाय

1. अगर आप अपने बिजनेस को दूर शहरों या विदेशों में फैलाना चाहते हैं। तो उसके लिए भैरव अष्टमी के दिन किसी भैरव मंदिर में जाकर भैरव जी को सवा सौ ग्राम साबुत उड़द चढ़ाएं और चढ़ाने के बाद उसमें से 11 उड़द के दाने गिनकर अलग निकाल लें और उन्हें एक काले कपड़े में बांधकर अपने कार्यस्थल पर तिजोरी में रख दें। साथ ही ध्यान रखें कि दानों को कपड़े में रखते समय हर दाने के साथ ये मंत्र पढ़ें। मंत्र है- 'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ'।

2. अगर आप अपने सुखसाधनों में बढ़ोतरी करना चाहते हैं। तो भैरव अष्टमी के दिन आपको भैरव जी के आगे मिट्टी के दीपक में सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए और दीपक जलाते समय दो बार मंत्र पढ़ना चाहिए। मंत्र है- 'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ।' साथ ही भैरव जी से अपने सुखसाधनों में बढ़ोतरी के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।

3. अगर आप आत्मविश्वास और साहस से भरपूर रहना चाहते हैं, तो भैरव अष्टमी के दिन आपको भैरव जी के साथ ही अपने पितरों की भी पूजा करनी चाहिए और अपने पितरों के निमित्त तर्पण करना चाहिए। साथ ही किसी ब्राह्मण को श्रद्धापूर्वक भोजन खिलाना चाहिए।

4. अगर आपको जीवन में कोई परेशानी है। तो उसे अपने जीवन से दूर करने के लिए भैरव अष्टमी के दिन आपको सरसों के तेल में चुपड़ी हुई एक रोटी लेकर काले कुत्ते को डालनी चाहिए। रोटी पर तेल चुपड़ते समय भैरव का ध्यान करते हुए 5 बार मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र है- 'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ।

5. अगर आपको किसी प्रकार का भय बना रहता है, तो उस भय से छुटकारा पाने के लिए भैरव अष्टमी के दिन आपको भैरव जी के चरणों में एक काले रंग का धागा रखना चाहिए। उस धागे को 5 मिनट के लिए वहीं पर रखा रहने दीजिये और इस दौरान मंत्र का जाप कीजिये। मंत्र है- 'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ। 5 मिनट बाद उस धागे को वहां से उठाकर अपने दायें पैर में बांध लीजिए।

6. अगर आपको अपने बिजनेस में बिजनेस साझेदार से पूरी तरह सहयोग नहीं मिल पा रहा है, जिससे आपके काम पूरे नहीं हो पा रहे हैं। तो भैरव अष्टमी के दिन आपको रोटी में शक्कर मिलाकर उसका चूरमा बनाना चाहिए और उससे भैरव बाबा को भोग लगाना चाहिए। साथ ही इस मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- 'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ'

मंत्र जप के बाद थोड़ासा चूरमा प्रसाद के रूप में स्वयं खा लें और बाकी प्रसाद को दूसरे लोगों में बांट दें।

7. अगर आपके जीवनसाथी को किसी प्रकार की परेशानी बनी हुई है, जिसके कारण आप भी परेशान हैं तो अपनी और अपने जीवनसाथी की परेशानी को दूर करने के लिए भैरव अष्टमी के दिन आपको स्नान आदि के बाद शिव जी की प्रतिमा के आगे आसन बिछाकर बैठना चाहिए और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए। शिव चालीसा के पाठ के बाद एक बार भैरव के मंत्र का भी जप करना चाहिए। मंत्र है- 'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ'।

8. अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे के ऊपर किसी ने जादूटोना करवा रखा है, जिसके असर के चलते आपका बच्चा तरक्की नहीं कर पा रहा है तो भैरव अष्टमी के दिन एक मुट्ठी उड़द लेकर, भैरव बाबा का ध्यान करते हुए अपने बच्चे के सिर से सात बार वार दें। ध्यान रहे छ बार क्लॉक वाइज़ और एक बार एंटी क्लॉक वाइज़ वारना है। वारने के बाद उन उड़द को किसी बहते पानी के स्रोत में प्रवाहित कर दें और उड़द प्रवाहित करते समय मंत्र का जाप करें। मंत्र है 'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ'।

9. अगर कुछ दिनों से आपको ऐसा आभास हो रहा है कि आपके ऊपर कोई मुसीबत आने वाली है, तो पहले ही उस मुसीबत को अपने से दूर करने के लिए भैरव अष्टमी के दिन आपको एक कच्चा, जटावाला नारियल लेकर श्री भैरव का ध्यान करते हुए उसे जमीन पर फोड़ना चाहिए और फोड़ने के बाद उसके टुकड़ों को बहते जल में प्रवाहित कर देना चाहिए। इसके बाद मन ही मन भैरव जी का ध्यान करके उनके मंत्र का जप करें। मंत्र है- 'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ'।

10. अगर आपको लगता है कि आपके घर में निगेटिविटी बहुत अधिक हो गई है, जिसकी वजह से आपके परिवार के लोगों का किसी काम में अच्छे से मन नहीं लगता, तो भैरव अष्टमी के दिन आपको मौली से एक लंबासा धागा निकालकर, उसमें सात गांठे लगाकर अपने घर के मेन गेट पर बांधना चाहिए। एकएक गांठ लगाते समय मंत्र का जप भी करें। मंत्र है- 'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ'।

11. अगर आप अपने आर्थिक रूप से लाभ को और अधिक बढ़ाना चाहते हैं। तो भैरव अष्टमी के दिन आपको स्नान आदि के बाद भैरव जी की विधिविधान से पूजा करनी चाहिए और उन्हें जलेबी का भोग लगाना चाहिए। साथ ही उनके मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र है- 'ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ'।

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7:30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)

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