Krishna Janmashtami 2024: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ और उपवास का विशेष महत्व है। कई व्रत ऐसे होते हैं जिसमें जल की एक बूंद भी ग्रहण नहीं की जाती है। वहीं कुछ व्रत में फल और अन्य फलाहार की चीजों का सेवन किया जाता है। जन्माष्टमी का व्रत भी लोग दो तरीके से रहते हैं एक निर्जला और दूसरा फल आदि चीजों का सेवन के साथ। निर्जला व्रत में पानी पीने की मनाही होती है। अगर आप पानी भी पी लेते हैं तो आपका व्रत टूट सकता है। लेकिन कई बार लोगों का व्रत अनजाने में खंडित हो जाता है। धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि व्रत पूरा होने से पहले खंडित या टूटना नहीं चाहिए। तो आइए आज जानते हैं कि अगर गलती से व्रत टूट जाए तो क्या उपाय करना चाहिए।
गलती से व्रत टूट जाने पर क्या करें?
1. अनजाने में हुई गलती को ईश्वर भी अनदेखा कर देते हैं। तो अगर आपका जन्माष्टमी का व्रत गलती से टूट गया है तो इसमें अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं है। बस व्रत टूटने के बाद कान्हा जी की पूजा करें और दोनों हाथ जोड़कर अपनी गलती की क्षमा मांग लें। लड्डू गोपाल अपने भक्तों के साफ मन को देखते हैं तो वो आपकी प्रार्थना और याचना जरूर सुनेंगे।
2. अगर आपका जन्माष्टमी का व्रत गलती से टूट जाता है तो घर में हवन कराएं और कन्हैया से से गलती की माफी मांग लें। हवन कराने से हर दोष दूर होता है। इस उपाय को करने के बाद व्रत भी पूर्ण माना जाता है।
3. जन्माष्टमी का व्रत अनजाने में खंडित हो जाने पर सबसे पहले स्नान आदि कर साफ-सुथरे कपड़े पहन लें। इसके बाद दूध, दही, शहद और चीनी के मिश्रण से बने पंचामृत से भगवान विष्णु की मूर्ति का अभिषेक करें। फिर क्षमा मांगते हुए निम्न मंत्र का जाप करें। मंत्र है- मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन। यत्पूजितं मया देवा परिपूर्ण तदस्तु मे॥ ॐ श्री विष्णुवे नमः क्षमा याचनं समर्पयामि॥ इसके बाद गाय, ब्राह्मण और कन्याओं के लिए भोजन की व्यवस्था करें।
4. व्रत टूटने पर भगवान विष्णु के द्वादशाक्षर मंत्र 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का 11 बार या तुलसी की माला से यथासंभव अधिक बार जाप करें। भगवान विष्णु को समर्पित स्तोत्रों का भी भक्तिपूर्वक पाठ करें।
5. गलती से जन्माष्टमी का व्रत टूटने पर भगवान विष्णु के मंदिर में पंडित को पीले वस्त्र, फल, मिठाई, शास्त्र, चना, हल्दी, केसर और अन्य चीजों का दान करें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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