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Janmashtami 2023: जन्माष्टमी को लेकर दूर हुआ सारा कंफ्यूजन, जानिए मथुरा में किस दिन जन्म लेंगे कृष्ण

Krishna Janmashtami 2023: हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का विशेष महत्व है। इसी दिन भगवान कृष्ण ने धरती पर जन्म लिया था। इस दिन कान्हा जी की आराधना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

Written By : Acharya Indu Prakash Edited By : Vineeta Mandal Updated on: September 05, 2023 18:04 IST
Janmashtami 2023- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Janmashtami 2023

Janmashtami 2023: 6 सितंबर, बुधवार को भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। हर साल की तरह इस बार भी कृष्ण जन्माष्टमी की धूम दो दिन यानी 6 और 7 सितंबर को रहेगी। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रात के समय रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। इसलिए हर साल अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी मनाया जाता है। ऐसे में इस दिन कान्हा जी की विधिवत पूजा-अर्चना करने से हर मनोकामना की पूर्ति होती है। वहीं श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन व्रत करने का भी विधान है। 

जन्माष्टमी 2023? शुभ मुहूर्त

  • भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि आरंभ- 6 सितंबर 2023 को दोपहर 03 बजकर 27 मिनट से 
  •  कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि समापन- 7 सितंबर 2023 को दोपहर 04 बजकर 14 मिनट पर 
  •  रोहिणी नक्षत्र-  6 सितंबर को सुबह 09 बजकर 20 मिनट से 7 सितंबर सुबह 10 बजकर 25 मिनट तक
  • जन्माष्टमी तिथि- 6 और 7 सितंबर 2023

इस बार की जन्माष्टमी है बेहद खास

श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की मध्य रात्रि में रोहिणी नक्षत्र के दौरान हुआ था, इसीलिए भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी कहते हैं। लेकिन अगर भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के रात्रिकाल में रोहिणी नक्षत्र भी हो तो वह कृष्ण जयंती कहलाती है और 6 सितंबर को सुबह 9 बजकर 21 मिनट से रोहिणी नक्षत्र लग जाएगा, जो कि 7 सितंबर को सुबह 10 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। इस बार कृष्ण जन्माष्टमी श्री कृष्ण जयंती के रूप में भी मनाई जाएगी। आपको बता दें कि श्रीकृष्ण जयंती कभी-कभी ही पड़ती है। वे गृहस्थ अत्यंत सौभाग्यशाली होंगे, जो आज अष्टमी की रात और रोहिणी नक्षत्र के संयोग में उपवास करेंगे।

मथुरा में कब मनाई जाएगी जन्माष्टमी?

हर साल जन्माष्टमी का त्यौहार दो दिन मनाया जाता है। एक दिन गृहस्थ जीवन वाले और दूसरे दिन वैष्णव संप्रदाय वाले जन्माष्टमी मनाते हैं। ऐसे में आपको बता दें कि 6 और 7 सिंतबर दोनों दिन श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। गृहस्थ जीवन जीवन वाले 6 सितंबर और  वैष्णव संप्रदाय 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाएंगे। वहीं आपको बता दें कि मथुरा, गोकुल और श्री कृष्ण से जुड़े बड़े-बड़े स्थल 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाएंगे। मालूम हो कि वैष्णव संस्थान गोकुलोत्सव या नन्दोत्सव मनाते हैं यानि नंद के घर लल्ला भयो है। जाहिर है कि 7 सितंबर के दिन लल्ला के होने की सूचना तभी दी जा सकती है, जब लल्ला आज रात पैदा हो चुके हों। ऐसे में वैष्णव मंदिर या कृष्ण से जुड़े मंदिर गुरुवार के दिन जन्माष्टमी मनाएंगे। लेकिन गृहस्थ लोग उससे कंफ्यूजन न हो उन्हें अपनी जन्माष्टमी का व्रत 6 सितंबर के दिन ही करना चाहिए और व्रत का पारण 7 सितंबर के दिन करना चाहिए।

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)

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