Jagannath Rath Yatra: जगन्नाथ रथ यात्रा का शुभारंभ आज होगा। पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यह यात्रा शुरू होती है, जोकि साल 2024 में 7 जुलाई को है। आज भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ यात्रा पर निकलेंगे। आज के दिन कुछ शुभ संयोग भी बन रहे हैं जिनके चलते इस यात्रा का महत्व और भी बढ़ गया है। यह योग कौन-कौन से हैं और आज के दिन कैसे आप घर बैठे जगन्नाथ जी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं, आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
जगन्नाथ रथ यात्रा
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा सौहार्द्र, भाई-चारे और एकता का प्रतीक है। इस यात्रा में भाग लेने के लिये बड़ी संख्या में श्रद्धालु देश के अलग-अलग कोनों से पुरी धाम पहुंचते हैं, और भगवान के रथ को खींचकर सौभाग्य पाते हैं । कहते हैं जो भी व्यक्ति रथ यात्रा में शामिल होता है, उसे हर प्रकार की सुख-समृद्धि मिलती है। इस बार हर्षण योग और पुष्य नक्षत्र जगन्नाथ पुरी यात्रा के दिन है।
हर्षण योग और पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग
साल 2024 में जगन्नाथ रथ यात्रा हर्षण योग और पुष्य नक्षत्र में शुरू होगी। हर्षण योग खुशी और प्रसन्नता को प्रदर्शित करता है वहीं पुष्य नक्षत्र ऊर्जा और शक्ति प्रदान करने वाला माना जाता है। ऐसे में जगन्नाथ धाम में जो भी भक्त इस दौरान रथ खींचेंगे उन्हें जीवन में सुख समृद्धि और धन-धान्य की प्राप्ति होगी। वहीं जो भक्त जगन्नाथ पुरी नहीं पहुंच पा रहे हैं उन्हें घर बैठे ही इस शुभ अवसर का लाभ उठाना चाहिए। आप इस दिन घर में ही जगन्नाथ भगवान की आराधना कर सकते हैं।
घर बैठे ऐसे पाएं भगवान जगन्नाथ की कृपा
आप जगन्नाथ रथ यात्रा के दिन अपने घर में भी जगन्नाथ जी की पूजा कर सकते हैं। इसके लिए आपको जगन्नाथ जी की एक प्रतिमा या तस्वीर घर में लानी चाहिए, इस बात का ध्यान रखें कि तस्वीर में जगन्नाथ जी के साथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र भी हों। जगन्नाथ जी की आराधना करने के लिए आपको सुबह स्वच्छ होकर पूजा स्थल की भी सफाई करनी चाहिए। इसके बाद घी का दीपक और धूप जलाएं। पुजा शुरू होने से पहले जगन्नाथ जी को फूल, फल इत्यादि अर्पित करें। साथ ही सुभद्रा जी और बलभद्र जी का भी ध्यान पूजा के दौरान करें। पूजा के दौरान आप जगन्नाथ जी के निम्न लिखित मंत्रों का जप कर सकते हैं।
- ऊँ विश्वमूर्तये जगन्नाथाय नम:
- ऊँ अनंताय जगन्नाथाय नम:
- ऊँ विष्णवे जगन्नाथाय नम:
मंत्रों का जप करने के बाद अंत में आपको भगवान जगन्नाथ जी की आरती का पाठ करना चाहिए। इसके बाद भोग के रूप में जगन्नाथ जी को खिचड़ी अर्पित करें, भगवान जगन्नाथ जी को खिचड़ी का भोग अतिप्रिय। अगर आप इस आसान विधि से भी भगवान जगन्नाथ की पूजा अपने घर में करते हैं तो आपकी सभी दुख-विपदाएं दूर हो सकती हैं। इस बार जगन्नाथ यात्रा के दिन पुष्य नक्षत्र और हर्षण योग भी है इसलिए कई गुना अधिक शुभ फल आप जगन्नाथ जी के पूजा से प्राप्त कर सकते हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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