नवरात्रि का पावन त्योहार साल 2024 में 9 अप्रैल से शुरू हो रहा है। नवरात्रि के दौरान माता के भक्त व्रत रखते हैं और माता को प्रसन्न करने के लिए उनकी उपासना करते हैं। नवरात्रि से जुड़े कई नियम भी हैं जो भक्तों को ख्याल में रखने चाहिए। साथ ही कुछ ऐसे कार्य हैं जिनको करने से माता की कृपा दृष्टि से आप वंचित रह सकते हैं। नवरात्रि के दौरान क्या कार्य करने से आपको बचना चाहिए, आइए विस्तार से जानते हैं।
नवरात्रि के दौरान न करें ये गलतियां
नवरात्रि के व्रत रख रहे हैं, या फिर नौ दिनों तक माता की पूजा-आराधना करने वाले हैं तो आपको तामसिक भोजन का त्याग कर देना चाहिए। इसके पीछे वजह यह है कि, तामसिक भोजन यानि ज्यादा मसालेदार भोजन, गर्म तासीर का भोजन आपके विचारों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। कहा भी जाता है कि, जैसा खाएंगे अन्न वैसा होगा मन्न। इसलिए नवरात्रि में व्रत नहीं भी रख रहे हैं, केवल माता की पूजा करने वाले हैं तो भी सात्मविक भोजन करें ताकि माता की भक्ति में किसी तरह का खलल न पड़े।
नवरात्रि के दौरान आपको मांस-मदिरा और शराब का सेवन करने से तो बचना ही चाहिए साथ ही लहसुन-प्याज भी भोजन में नहीं डालना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार, लहसुन-प्याज की उत्पत्ति राहु-केतु के रक्त से हुई थी, इसके साथ ही ये पदार्थ तामसिक प्रकृति के भी माने जाते हैं। इसलिए नवरात्रि के दौरान इ्न्हें खाने की मनाही है।
नवरात्रि के दौरान न पहनें ऐसे कपड़े
माता के नौ रूपों की कृपा प्राप्त करने के लिए आपको नवरात्रि के नौ दिनों में सात्विक भोजन के साथ ही सादे कपड़े पहनने चाहिए। काले कपड़े पहनने से आपको बचना चाहिए, ज्यादा चटकीले कपड़े पहनने से भी बचें और चमड़े से बनी वस्तुओं से भी परहेज करना चाहिए।
ये गलतियां भी पड़ सकती हैं भारी
- नवरात्रि के दौरान महिलाओं, कन्याओं और बुजुर्गों का अपमान करके आप माता की कृपा से वंचित हो सकते हैं। दुर्गा माता की पूजा के दौरान जितना आप महिलाओं का आदर करेंगे उतने ही अच्छे परिणाम आपको प्राप्त हो सकते हैं।
- नवरात्रि में व्रत रखने वालों को बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए। जमीन पर अपना बिस्तर आपको लगाना चाहिए। जमीन पर सोने से अनिद्रा की समस्या दूर होती है साथ ही तनाव से भी आपको मुक्ति मिलती है। आप तरोताजा रहते हैं इसलिए माता की भक्ति में आपका मन लगता है।
- नाखून, दाढ़ी और बाल भी नवरात्रि के दौरान न कटवाएं।
- शारीरिक संबंध बनाने से बचें।
- नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती या फिर दुर्गा चालीसा का पाठ करने वाले हैं तो इसके उच्चारण में गलतियां न करें। उच्चारण नहीं जानते तो माता के बीज मंत्र का जप करना भी पर्याप्त रहेगा।
अगर इन सभी बातों का ख्याल रखते हुए आप नवरात्रि के 9 दिनों में माता की उपासना करते हैं, तो आपको मानसिक शांति का अनुभव होता है और माता की कृपा आप पर बरसती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)