Holika Dahan Puja Samagri List: रंगों का उत्सव होली का पर्व आने में अब बस चंद दिन ही बाकी है। इस साल 8 मार्च को होली मनाई जाएगी। वहीं इससे एक दिन पहले होलिका दहन होगा। यानी 7 मार्च को होलिका दहन किया जाएगी। होलिका को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, होलिका दहन की विधिवत पूजा करने से घर में नकरात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं। साथ ही धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। इतना ही नहीं होलिका दहन की पूजा विधिवत के साथ करने से परिवार के सदस्यों को बीमारियों से मुक्ति मिलती है। चलिए जानते हैं होलिका दहन की पूजा में क्या-क्या सामग्री लगती है और इसकी विधि क्या है।
होलिका दहन शुभ मुहूर्त
होलिका दहन मुहूर्त- शाम 6 बजकर 24 मिनट से 8 बजकर 51 मिनट तक
होलिका दहन के लिए कुल समय- 2 घंटे 27 मिनट
होलिका दहन की तारीख- 7 मार्च 2023
होलिका दहन पूजा सामग्री
- कच्चा सूती धागा
- नारियल
- गुलाल पाउडर
- रोली, अक्षत, धूप और फूल
- गाय के गोबर से बनी माला
- बताशा, नया अनाज और मूंग की साबूत दाल
- हल्दी का टुकड़ा
- एक कटोरी पानी
होलिका दहन पूजा विधि
- होलिका दहन के लिए इक्ट्ठा की गई लकड़ी को कच्चा सूत से तीन या सात बार लपेटें।
- इसके बाद उसपर गंगाजल या शुद्ध पानी, फूल और कुमकुम छिड़कर कर पूजा करें।
- पूजा के लिए माला, रोली, अक्षत, बताशे-गुड़, साबुत हल्दी, गुलाल, नारियल सब का प्रयोग करें।
- 'असृक्पाभयसंत्रस्तै: कृता त्वं होलि बालिशै:। अतस्त्वां पूजायिष्यामि भूते भूतिप्रदा भव।।' का उच्चारण करते हुए होलिका की सात परिक्रमा करें।
- पूजा करते समय होलिका के पास पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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