Holi 2023 Date: अब त्यौहार का महीना शुरू हो गया है। अब लगातार कुछ न कुछ त्यौहार है। वहीं हिंदू धर्म में होली का बहुत महत्व होता है। होली बच्चों को तो बहुत पसंद होती ही है साथ ही साथ ये बड़ों को भी बहुत भाता है। और ऐसा हो भी क्यों न होली में रंगो के अलावा अलग-अलग प्रकार के पकवान जो बनते है। जैसे गुझिया, इमरती, मावा पेड़े, बेसन की बर्फी, बेसन के लड्डू, बालूशाही , केसर मलाई के लड्डू , ठंडाई। हिंदू पंचाग के अनुसार होली हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा (Fagun Month Purnima 2022) तिथि को मनाई जाती है। साल 2023 में रंगों का त्योहार होली (Holi 2022) 8 मार्च के दिन पड़ रही है। होलिका दहन 7 मार्च (Holika Dahan 7th March) को किया जाएगा।
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होली का शुभ मुहूर्त
- फाल्गुन माह पूर्णिमा तिथि का आरंभ: 6 मार्च 2023 को 4 बजकर 17 मिनट से
- फाल्गुन माह पूर्णिमा तिथि का समापन: 7 मार्च 06 बजकर 09 मिनट पर
- होलिका दहन: 7 मार्च 2023 की शाम को 6 बजकर 24 मिनट से लेकर 8 बजकर 51 मिनट तक
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क्यों किया जाता है होलिका दहन
पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का एक असुर राजा था। जो बहुत घमंडी था। ऐसा कहा जाता है की वह खुद के ईश्वर होने का दावा भी करता था। हिरण्यकश्यप ने अपने राज्य में ईश्वर के नाम लेने पर ही पाबंदी लगा दी थी और खुद को ईश्वर मानने लगा था। लेकिन हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद ईश्वर भक्त था। हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को आग में भस्म न होने का वरदान मिला हुआ था। एक बार हिरण्यकश्यप ने होलिका को आदेश दिया कि प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठ जाए। लेकिन आग में बैठने पर होलिका जल गई और प्रह्लाद बच गया। तब से ही ईश्वर भक्त प्रह्लाद की याद में होलिका दहन किया जाने लगा। अधर्म पर धर्म की, नास्तिक पर आस्तिक की जीत के रूप में भी देखा जाता है।
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