Chhath Puja 2024 Day 1 Nahay Khay: 5 नवंबर 2024, मंगलवार से महापर्व छठ की शुरुआत हो रही है। छठ के पहले दिन नहाय खाय होता है। इस दिन व्रती महिलाएं सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं। नहाय खाय के साथ शुरू हुआ छठ उषा अर्घ्य के बाद समाप्त होता है। छठ पूजा के इन चार दिनों तक व्रती महिलाएं व्रत से जुड़े नियमों का पालन करती हैं। इस साल 5 नवंबर को नहाय खाय किया जाएगा। हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय-खाय पड़ता है। तो आइए जानते हैं कि छठ पूजा के पहले दिन नहाय खाय के दिन किन नियमों का पालन करना होता है।
नहाय खाय के दिन इन नियमों का करें पालन
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नहाय खाय के दिन सबसे पहले पूरे घर को साफ-सुथरा कर लें।
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छठ का व्रत करने वाली व्रती महिलाएं नहाय खाय के दिन प्रात:काल उठकर स्नान आदि कर लें।
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अगर संभव हो तो नहाय खाय के दिन नया वस्त्र पहनें वरना कोई भी साफ-सुथरा कपड़ा पहन सकते हैं।
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इसके बाद भगवान सूर्य को जल अर्पित कर पूजा करें।
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नहाय खाय का भोजन सूर्यदेव को भोग लगाने के बाद ही खाएं
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नहाय खाय के दिन सात्विक भोजन बनाया जाता है। इस दिन प्याज-लहसुन भूलकर भी न खाएं।
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नहाय खाय के दिन कद्दू की सब्जी, लौकी चने की दाल और भात यानी चावल खाया जाता है।
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नहाय खाय के दिन तैयार किया गया भोजन सबसे पहले व्रत रखने वाली महिलाएं ही खाएं। इसके बाद परिवार के अन्य सदस्य खाएं।
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नहाय खाय के दिन परिवार के लोग भी सात्विक भोजन ही खाएं।
छठ पूजा नहाय खाय महत्व
नहाय खाय के दिन व्रत करने वाली महिलाएं तालाब, नदी में स्नान करती हैं। अगर ऐसा संभव नहीं है घर पर ही स्नान कर लें। छठ पूजा में नहाय खाय का विशेष महत्व होता है। कहते हैं कि इस दिन व्रत करनी वाली महिलाएं सात्विक आहार ग्रहण कर खुद को पावन और पवित्र छठ पूजा के लिए तैयार करती हैं। नहाय खाय का भोजन व्रती के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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