Hartalika Teej 2024: हरितालिका तीज व्रत का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है। इस व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा आराधाना की जाती है। मुख्य रूप से भारत के उत्तरी राज्यों में यह व्रत अत्यंत प्रचलित है। यह व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, पारिवारिक सुख-समृद्धि और सौभाग्य के लिए रखती हैं। इसके साथ ही अविवाहित कन्याएं भी अच्छा जीवनसाथी पाने के लिए इस दिन व्रत रखती हैं। हरितालिका तीज का व्रत अगर आप पहली बार रखने जा रही हैं, तो हम आपको बताएंगे कि इस दिन कैसे पूजा आपको करनी चाहिए, और किन नियमों का पालन आपको करना चाहिए।
ऐसे करें हरितालिका तीज व्रत की तैयारी
हरितालिका तीज का व्रत 2024 में 6 सितंबर के दिन रखा जाएगा। इस व्रत से एक दिन पहले ही आपको घर की साफ सफाई कर देनी चाहिए, साथ ही पूजा स्थल को भी साफ कर लेना चाहिए। इसके अलावा पूजा में इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे- पुष्प, धूप, दीप, चंदन, अक्षत, फल और मिठाई आदि का प्रबंध भी आपको एक दिन पहले ही कर देना चाहिए।
पहली बार रख रहीं है व्रत तो ये बातें जानना जरूरी
- हरितालिका तीज व्रत को कठिन व्रतों में से एक माना जाता है, इस व्रत के दिन जल ग्रहण नहीं किया जाता, निर्जला व्रत होने के कारण ही हर कोई इसे नहीं ले पाता। इसलिए अगर आप पहली बार यह व्रत रखने वाली हैं, तो कुछ दिन पहले से ही खुद को मानसिक रूप से तैयार रखें।
- इस व्रत का आरंभ सूर्योदय से पहले होता है। महिलाएं स्नान करके साफ वस्त्र इस दिन धारण करती हैं और भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की विधि-विधान से पूजा करती हैं।
- पूजा के दौरान व्रत लेने वाली महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की मूर्तियों का विधिवत पूजन करती हैं। साथ ही, उन्हें पुष्प, धूप, दीप, चंदन, अक्षत, फल और मिठाई आदि अर्पित करती हैं।
पूजा विधि
व्रत रखने वाली महिलाओं को इस दिन भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती और गणेश जी की भी पूजा करनी चाहिए। वैवाहिक जीवन में सुख समृद्धि के लिए शिव-पार्वती विवाह की कथा आप सुन सकती हैं। इसके साथ ही गणेश जी की कथा का श्रवण भी आप कर सकते हैं। इसके साथ ही पूजा के दौरान हरितालिका तीज व्रत की कथा भी आपको अवश्य सुननी चाहिए। कथाओं का पाठ करने के बाद आपको अंत में आरती करनी चाहिए और घर के लोगों को प्रसाद का वितरण करना चाहिए।
इन बातों का रखें विशेष ख्याल
- व्रत रखने वाली महिलाएं इस दिन गलती से भी कोई तरल पदार्थ न खाएं, क्योंकि यह निर्जला व्रत हैय़
- व्रत के दौरान महिलाएं माता पार्वती और शिव जी के मंत्रों का जप कर सकती हैं।
- इस व्रत का पारण अगले दिन, सूर्योदय के बाद पूजा करने के पश्चात करना चाहिए।
- व्रत के समापन पर पहले भगवान को भोग लगाकर उसके बाद महिलाएं जल ग्रहण करती हैं और फल खाती हैं।
- व्रत का पारण करते समय ब्राह्मणों को भोजन कराना और दक्षिणा देना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
- व्रत के दौरान बुरे विचारों, क्रोध और अशुद्ध कर्मों को करने से महिलाओं को बचना चाहिए।
- व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं सुहाग सामग्री जैसे- चूड़ियाँ, सिंदूर, बिंदी आदि धारण अवश्य करें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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