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Hariyali Teej 2023: कब रखा जाएगा हरियाली तीज का व्रत? जानिए सही डेट, शुभ मुहूर्त और महत्व

Hariyali Teej Vrat 2023 Date: सुहागिन स्त्रियों के लिए हरियाली तीज का दिन विशेष महत्व रखता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को रखने से पति की आयु लंबी होती है और पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ता है। तो जानिए इस साल हरियाली तीज का व्रत कब रखा जाएगा।

Written By: Vineeta Mandal
Published : Jul 02, 2023 13:15 IST, Updated : Jul 02, 2023 13:15 IST
Hariyali Teej 2023
Image Source : INDIA TV Hariyali Teej 2023

Hariyali Teej 2023: सुहागिनों के लिए हरियाली तीज का दिन विशेष महत्व रखता है। मान्यताओं के मुताबिक, जो भी महिलाएं इस व्रत को करती हैं उन्हें अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतिया तिथि को हरियाली तीज का व्रत किया जाता है। इसमें सुहागिन महिलाएं निर्जला उपवास कर अपने पति की लंबी आयु और सुखी दांपत्य जीवन की कामना करती हैं। हरियाली तीज में भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की विधि विधान के साथ पूजा की जाती है। कहते हैं कि इस व्रत को करने से पति-पत्नी के बीच महादवे और मां गौरी जैसा प्रेम बना रहता है और उनका संबंध अटूट हो जाता है। तो आइए जानते हैं कि इस साल हरियाली तीज का व्रत कब रखा जाएगा और इसका शुभ मुहूर्त क्या है।

हरियाली तीज 2023 शुभ मुहूर्त- Hariyali Teej 2023 Shubh Muhurat

  • तृतिया तिथि आरंभ- रात 8 बजकर 1 मिनट से (18 अगस्त 2023)
  • तृतिया तिथि समापन-  रात 10 बजकर 19 मिनट पर (19 अगस्त 2023)
  • हरियाली तीज व्रत तिथि- 19 अगस्त 2023

हरियाली तीज 2023 पूजा शुभ मुहूर्त- Hariyali Teej Vrat 2023 Puja Shubh Muhurat

  • पहला मुहूर्त- सुबह 7 बजकर 47 मिनट से सुबह 9 बजकर 22 मिनट तक
  • दूसरा मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 32 मिनट से दोपहर 2 बजकर 7 मिनट तक
  • तीसरा मुहूर्त- शाम 6 बजकर 52 से रात 7 बजकर 15 तक 
  • चौथ मुहूर्त- रात का मुहूर्त - रात 12 बजकर 10 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक

हरियाली तीज का महत्व- Hariyali Teej 2023 Significance

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, हरियाली तीज के दिन मां पार्वती और शिवजी का मिलन हुआ था। पौराणिक कथा के अनुसार, महादेव से विवाह करने के लिए माता पार्वती ने कठिन तपस्या किया था। इसके बाद ही भोलेनाथ ने मां गौरी को पत्नी के रूप में स्वीकार किया। कहते हैं कि वह पावन दिन सावन माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि ही थी। इसके बाद से ही हरियाली तीज का व्रत किया जाने लगा। मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से जहां सुहागिन महिलाएं के पति की आयु दीर्घायु होती है वहीं कुंवारी कन्याओं को शिव समान पति प्राप्त होता है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।) 

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