Highlights
- हरियाली तीज में माता पार्वती को 16 तरह का श्रृंगार अर्पित करें
- हरियाली तीज पर निर्जला व्रत रखा जाता है
Hariyali Teej: पति की लंबी उम्र के लिए हर साल हरियाली तीज का व्रत रखा जाता है। बता दें हरियाली तीज आज यानी 31 जुलाई रविवार को है। इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति के लंबी आयु के लिए और कुंवारी कन्याएं अच्छा वर पाने के लिए निर्जला व्रत रखती है। सावन की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। हरियाली तीज नाग पंचमी से दो दिन पहले आती है।
हरियाली तीज का त्योहार भागवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के कारण मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं दुल्हन के जैसे तैयार होकर माता पार्वती की पूजा करती हैं। हरियाली तीज को छोटी तीज या श्रावण तीज के नाम से भी जाना जाता है। चालिए जानते हैं हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त पूजन सामग्री और विधि।
शुभ मुहूर्त
- तृतीया तिथि प्रारम्भ - जुलाई 31, 2022 को सुबह 02 बजकर 59 मिनट पर शुरू
- तृतीया तिथि समाप्त - अगस्त 01, 2022 को सुबह 04 बजकर 18 मिनट पर खत्म
हरियाली तीज की पूजा विधि
- हरियाली तीज के दिन सूर्योदय से लगभग दो घंटे पहले उठें।
- सुबह जल्दी उठने के बाद स्नान करें और पूजा के लिए हरे रंग के कपड़े पहनें।
- पूजा कक्ष-चौकी को गंगाजल से साफ करें।
- चौकी को सफेद या लाल कपड़े से ढक दें।
- मिट्टी से भगवान शिव, देवी पार्वती और भगवान गणेश की मूर्तियां बनाएं। फोटो का भी उपयोग कर सकते हैं।
- चौकी पर भगवान शिव और पार्वती की मूर्ति रखें।
- तेल या घी का दीपक जलाकर देवताओं के दाहिनी ओर रखें।
- भगवान गणेश का आह्वान करें और उनका आशीर्वाद लें।
- इसके बाद मूर्ति के सामने कुछ अक्षत् रखें और फिर मौली के साथ एक कलश रखें।
- कलश में सुपारी, हल्दी, कुमकुम और पानी डालें।
- पान के पत्ते या आम के पेड़ के पत्तों का प्रयोग करें और कलश में डाल दें।
- पंचपात्र में से थोड़ा सा पानी हाथ में लें। भगवान शिव और पार्वती के चरणों में जल चढ़ाकर पूजा शुरू करें।
- चंदन लगाएं, फिर भगवान शिव को धतूरा और सफेद मुकुट के फूल और बेलपत्र और देवी पार्वती को गुलाब का फूल चढ़ाएं।
- आप देवी को सुहाग सामग्री चढ़ा सकते हैं।
- हरियाली तीज व्रत कथा का पाठ करें।
- आरती गाकर पूजा का समापन करें।
हरियाली तीज की पूजा सामग्री
- पूजा में पीला वस्त्र, कच्चा सूता, नए वस्त्र, केले के पत्ते, बेलपत्र, धतूरा, शमी के पत्ते, जनेऊ, नारियल, सुपारी, कलश, अक्षत, दूर्वा घास, घी, कपूर, अबीर-गुलाल, श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, पंचामृत दही, मिश्री, शहद आदि को शामिल किया जाता है।
- मां पार्वती के लिए हरे रंग की साड़ी, चुनरी और सोलह श्रृंगार से जुड़े सुहाग के सामान में सिंदूर, बिंदी, चूडियां, महौर, खोल, कुमकुम, कंघी, बिछिआ, मेहंदी, दर्पण और इत्र इत्यादि सामग्री रखी जाती है।
हरियाली तीज पर सुहागिन स्त्रियां करें खास काम
- विवाहित महिलाएं इस दिन दुल्हन की तरह तैयार होकर देवी पार्वती और शंकर जी की पूजा करती हैं तो उन्हें अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है। इस दिन सोलह श्रृंगार कर पूजा करना चाहिए।
- हरियाली तीज पर महिलाएं पूजा पाठ के बाद लोकगीत जरूर गाएं। इससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
- हरियाली तीज पर झूला झूलने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।