Hanuman Jayanti 2024: 23 अप्रैल को हनुमान जयंती का त्यौहार मनाया जा रहा है। हर साल चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि के दिन बड़े ही धूमधाम के साथ हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, चैत्र पूर्णिमा के दिन ही माता अंजना और वानरराज केसरी के घर बजरंबली का जन्म हुआ था। इस पावन दिन अंजनीसुत की विधिपूर्वक पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। आज हम हनुमान जयंती के दिन आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर हनुमान जी को सिंदूर क्यों लगाया जाता है।
हनुमान जी को सिंदूर क्यों चढ़ाया जाता है?
पौराणिक कथा के मुताबिक, एक बार माता सीता अपनी मांग में सिंदूर लगा रही थीं। उस समय वहां हनुमान जी भी मौजूद थे। मां सीता को सिंदूर लगाते हुए बजरंगबली ने बड़े ही हैरानी के साथ पूछा कि आप अपनी मांग में सिंदूर क्यों भर रही हैं। तब माता सीता ने मुस्कुराते हुए कहा कि इस मैं कौशल्या नंदन की लंबी आयु और कुशल मंगल के लिए लगा रही हूं। सिंदूर लगाने से पति दीर्घायु होते हैं। इस कारण यह सिंदूर में प्रभु राम की दीर्घायु और उनकी मंगलकामना के लिए लगा रही हूं।
हनुमान जी को जब यह बात चली कि सिंदूर लगाने से प्रभु श्री राम की आयु लंबी होगी तब उन्होंने पूरा सिंदूर अपने शरीर पर लगा लिया। जब प्रभु श्री राम ने हनुमान जी को सिंदूर से पूरा रंगे हुए देखा तो उन्होंन पूछा हनुमान ये सिंदूर आपने अपने पूरे शरीर में क्यों लगाया हुआ है। तब बजरंगबली ने ने कहा- है प्रभु मां सीता ने आपकी दीर्घायु के लिए सिंदूर अपनी मांग में लगाया है। मैं भी चाहता हूं कि आप दीर्घायु हो इसलिए मैंने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लिया है।
तब हनुमान जी की भक्ति और समर्पण देखकर प्रभु श्री राम उनसे अति प्रसन्न हुए और उनको आशीर्वाद दिया। भगवान राम ने कहा कि जो भी भक्त तुम्हें सिंदूर अर्पित करेगा उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी और उसे मेरा आशीर्वाद भी प्राप्त होगा। कहते हैं कि तब से ही हनुमान जी को सिंदूर लगाया जाने लगा। जो भी भक्तगण हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाते हैं वह उनसे अति प्रसन्न होते हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
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