Hanuman Jayanti 2023: इस साल 6 अप्रैल को हनुमान जयंती मनाई जाएगी। मान्यताओं के मुताबिक, चैत्र महीने की पूर्णिमा को ही भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार, यानी बजरंगबली का जन्म हुआ था। हनुमान जयंती के दिन द्वादशाक्षरी मंत्र का जाप और पूजा करना काफी शुभदायी माना जाता है। आइए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं द्वादशाक्षरी मंत्र और यंत्र के महत्व के बारे में।
हनुमान जी के द्वादशाक्षरी मंत्र के बारे में-
संस्कृत भाषा में द्वादशाक्षरी का अर्थ है- बारह, यानि हम आपको हनुमान जी के बारह अक्षरों के मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं। मंत्र है- 'हं हनुमते रूद्रात्मकाय हुं फट्'। इस मंत्र के जप से व्यक्ति को हर प्रकार के भय और खासकर कि वाहन दुर्घटना के भय से छुटकारा मिलता है। लेकिन इस मंत्र के जप से पहले द्वादशाक्षरी यंत्र का निर्माण किया जाना बहुत जरूरी है।
द्वादशाक्षरी यंत्र कैसे बनाएं?
यंत्र निर्माण के लिए भोजपत्र पर लाल चंदन की कलम से और अगर ये सब न मिले तो एक सादे कागज पर लाल स्कैच पेन से पहले एक अष्टदल कमल बनाएं और उसके अंदर बाई और दाई तरफ एक-एक अर्द्धवृत्ताकार लाइन बनाएं। फिर उन दोनों लाइनों के बीच में हनुमान जी का द्वादशाक्षरी मंत्र लिखें- 'हं हनुमते रूद्रात्मकाय हुं फट्।' अब उस यंत्र को अपने मंदिर में या ईशान कोण, यानी उत्तर-पूर्व दिशा में लकड़ी की चौकी पर स्थापित करें। अब अष्टदल के बीच में लिखे मंत्र में हनुमान जी के स्वरूप की कल्पना करके उनका
आह्वाहन करें और आठ अंजुलि पुष्पों से मंत्र के साथ हनुमान जी की पूजा करें, यानी हर बार एक अंजलि पुष्प चढ़ाने के बाद मंत्र पढ़ें- 'हं हनुमते रूद्रात्मकाय हुं फट्।'
इसके बाद भगवान श्री राम का ध्यान करके उन्हें प्रणाम करें। फिर अष्टदल कमल के आठ दलों में क्रम से सुग्रीव, लक्ष्मण, अंगद, नल, नील, जाम्बवान, कुमुद और केसरी का ध्यान करके हनुमान जी के मंत्र जप के साथ गंध और पुष्प से पूजन करना चाहिए। साथ ही माता अंजनि की भी पूजा करें और फिर सभी दिशाओं का ध्यान करते हुए शांत मन से एक जगह पर बैठकर हनुमान जी के द्वादशाक्षरी मंत्र का जप शुरू करें।
कम से कम इतनी बार करें मंत्र का जाप
आपको जितने मंत्र का जप करना है, उसका संकल्प यंत्र निर्माण की शुरुआत में ही ले लें। वैसे कम से कम आज के दिन आपको हनुमान जी के द्वादशाक्षरी मंत्र का 1008 बार जप करना चाहिए, लेकिन अगर इतना न हो सके तो 108 मंत्रों का जप अवश्य ही करें। इस प्रकार हनुमान जी के द्वादशाक्षरी मंत्र से सिद्ध किए हुए यंत्र को वाहन आदि पर लगाने से आप अपने वाहन की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
द्वादशाक्षरी का महत्व
मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी का ये द्वादशाक्षरी यंत्र वही यंत्र है, जिसे महाभारत में श्रीकृष्ण ने अर्जुन के रथ की पताका पर लगाया था और जिसको लगाने के बाद से अर्जुन युद्ध में विजयी होते गए।
अगर आप भी हनुमान जयंती के दिन इस यंत्र को बनाकर अपने वाहन, अपनी कार या मोटरसाइकिल आदि पर लगाते हैं, तो आपको कभी भी वाहन दुर्घटना का भय नहीं रहेगा और सफर पर जाते समय आपकी सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। तो आज के दिन इस यंत्र को अपने वाहन आदि पर लगाना आपके लिये बहुत ही लाभकारी होगा। इससे आप हर तरह की मुसीबत से बचे रहेंगे।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)