Highlights
- हनुमान चालीसा पढ़ने से मन शांत होता है
- हनुमान चालीसा आपका डर दूर करती है
- हनुमान चालीसा पढ़ने या सुनने से निगेटिविटी दूर होती है
Hanuman Chalisa: हनुमान चालीसा में इतनी शक्ति होती है कि आप पर किसी भी मुसीबत का पहाड़ टूटा हो इसके पढ़ने मात्र से सारे दुख दर्द दूर हो जाते हैं। हनुमान चालीसा में तो इतनी शक्ति होती है कि आप इसे पढ़कर सिद्ध हो सकते हैं, लेकिन इसके पढ़ने का सही तरीका होता है तभी इसका सही फल मिलता है। वरना कई बार लोग परेशान होते हैं कि वो तो नियमित हनुमान चालीसा पढ़ रहे हैं फिर क्यों उन्हें उसका रिजल्ट नहीं मिल रहा है। आप हनुमान जी की शरण में हों और हनुमान जी समस्या का समाधान न दें ये संभव नहीं है, इसलिए कुछ नियमों का पालन करें और फिर देखें हनुमान जी कैसे आपके सारे कष्ट दूर करते हैं।
- 'तुलसीदास सदा हरि चेरा' ये पंक्ति पढ़ते वक्त अपना नाम बोलने की जरूरत नहीं है, तुलसीदास जी ने जैसा लिखा है वैसा ही इसका पाठ करें।
- हनुमान चालीसा में इतनी शक्ति होती है कि आप इसके 10 हजार पाठ करके सिद्ध हो सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको अपना भोजन और आचरण पवित्र रखना होगा।
- हनुमान चालीसा से सिद्ध होने का विधान तो स्वयं तुलसीदास जी ने बताया है- जो यह पढ़े हनुमान चालीसा होय सिद्धि साखी गौरीसा। हनुमान चालीसा से सिद्धि पाने के लिए आपको किसी बाबा से यंत्र या ताबीज लेने की जरूरत भी नहीं है।
- तुलसीदास जी ने चालीसा में लिखा है- जो यह पढ़े हनुमान चालीसा... इसका मतलब ये है कि इसे नर और नारी दोनों पढ़ सकते हैं, जो पढ़ेगा उसे इसका फल मिलेगा ऐसा बिल्कुल नहीं है कि महिलाएं हनुमान चालीसा का पाठ नहीं कर सकती हैं।
- साधु संत के तुम रखवारे... इस पंक्ति को याद रखें कि वो हमेशा सभी की रक्षा करने के लिए तत्पर हैं, बस आपको अपना आचरण अच्छा रखना होगा।
- जै जै जै हनुमान गोसाईं, कृपा करहु गुरुदेव की नाईं... इस पंक्ति को जब आप पढ़ते हैं तो ये भी याद रखें कि एक सच्चा गुरु वही है जो आपके मनविरूद्ध जाकर भी आपका भला करता है अतः हनुमान जी वही देंगे जो आपके लिए वास्तव में हितकारी है न कि वह जो आप चाहते हैं। कई बार आपको लगता है कि मैंने ये मांगा था भगवान से मगर मुझे मिला नहीं, लेकिन यकीन रखिए जो आपको मिलता है वो वास्तव में आपके लिए बहुत अच्छा है।
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हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे
- आपके शारीरिक कष्ट दूर होते हैं
- आपका मन शांत होता है
- निगेटिव विचार दूर होते हैं
- आपको हर क्षेत्र में सफलता मिलती है
- हनुमान चालीसा पढ़ने से आप विनम्र बनते हैं
- आपका डर कम होता है, बुरे सपने आने बंद हो जाते हैं
- शनि का प्रभाव कम होता है
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हनुमान चालीसा
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि
बरनऊं रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि
बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन कुमार
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
जय कपीस तिहुं लोक उजागर
रामदूत अतुलित बल धामा
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा
महाबीर बिक्रम बजरंगी
कुमति निवार सुमति के संगी
कंचन बरन बिराज सुबेसा
कानन कुंडल कुंचित केसा
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै
कांधे मूंज जनेऊ साजै
संकर सुवन केसरीनंदन
तेज प्रताप महा जग बन्दन
विद्यावान गुनी अति चातुर
राम काज करिबे को आतुर
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया
राम लखन सीता मन बसिया
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा
बिकट रूप धरि लंक जरावा
भीम रूप धरि असुर संहारे
रामचंद्र के काज संवारे
लाय सजीवन लखन जियाये
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा
नारद सारद सहित अहीसा
जम कुबेर दिगपाल जहां ते
कबि कोबिद कहि सके कहां ते
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा
राम मिलाय राज पद दीन्हा
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना
लंकेस्वर भए सब जग जाना
जुग सहस्र जोजन पर भानू
लील्यो ताहि मधुर फल जानू
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं
दुर्गम काज जगत के जेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते
राम दुआरे तुम रखवारे
होत न आज्ञा बिनु पैसारे
सब सुख लहै तुम्हारी सरना
तुम रक्षक काहू को डर ना
आपन तेज सम्हारो आपै
तीनों लोक हांक तें कांपै
भूत पिसाच निकट नहिं आवै
महाबीर जब नाम सुनावै
नासै रोग हरै सब पीरा
जपत निरंतर हनुमत बीरा
संकट तें हनुमान छुड़ावै
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै
सब पर राम तपस्वी राजा
तिन के काज सकल तुम साजा
और मनोरथ जो कोई लावै
सोइ अमित जीवन फल पावै
चारों जुग परताप तुम्हारा
है परसिद्ध जगत उजियारा
साधु संत के तुम रखवारे
असुर निकंदन राम दुलारे
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता
अस बर दीन जानकी माता
राम रसायन तुम्हरे पासा
सदा रहो रघुपति के दासा
तुम्हरे भजन राम को पावै
जनम-जनम के दुख बिसरावै
अन्तकाल रघुबर पुर जाई
जहां जन्म हरि भक्त कहाई
और देवता चित्त न धरई
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई
संकट कटै मिटै सब पीरा
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा
जै जै जै हनुमान गोसाईं
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं
जो सत बार पाठ कर कोई
छूटहि बंदि महा सुख होई
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा
होय सिद्धि साखी गौरीसा
तुलसीदास सदा हरि चेरा
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा
पवन तनय संकट हरन मंगल मूरति रूप
राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)