Guru Nanak Jayanti 2023: सिख धर्म के मार्गदर्शक और पहले धर्म गुरु श्री नानक देव साहिब जी का प्रकाश पर्व 27 नवंबर 2023 दिन सोमवार को मनाया जाएगा। गुरु नानक देव जी का जन्म सन 1469 को कार्तिक पूर्णिमा के दिन रावी नदी के किनारे तलवंडी गांव में हुआ था। तलवंडी का गांव बाद में गुरु नानक देव जी के नाम पर ननकाना पड़ गया। गुरुनानक देव जी के बारे में बताया जाता है कि बचपन से ही इनकी बुद्धि, मन और सोचने की छमता प्रबल थी और यही नहीं, एक बार इनकी इसी विद्वानता के कारण इन्होनें अपने स्कूल के अध्यापक से कक्षा में ऐसा बुद्धिमता भरा प्रश्न पूछ लिया कि इनके अध्यापक भी यह देख कर दंग रह गए की 7,8 वर्ष की आयु में ये बालक इतना बुद्धिमान आखिर कैसे हो सकता है।
गुरु नानक देव को आगे चल कर आध्यात्मिक मार्ग प्रशस्त करना था। इसलिए इन्होनें स्कूल की पढ़ाई को बीच में ही विराम दे दिया। फिर इन्होनें मानव क्ल्याण के लिए कई उपदेश दिए और समाज का मार्गदर्शन भी किया। आज हम आपको गुरुनानक देव जी की तीन प्रमुख शिक्षाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जो इन्होनें दी थीं।
गुरु नानक देव जी की तीन प्रमुख शिक्षाएं
- कीरत करों- गुरुनानक देव जी अपनी इस शिक्षा के माध्यम से यह संदेश दिया कि जीवन में कर्म के बिना कुछ भी नहीं मिलता है। मानव जीवन का सबसे पहला उपदेश होता है कि आप अच्छे कर्म करिए। अपने परिवार का ध्यान रखने के लिए धन अर्जित करना सबसे जरूरी होता है। इसलिए मेहनत से पैसे कमा कर अपना और अपने परिवार को पेट पालिए।
- नाम जपो- सिख धर्म के गुरु नानक साहिब जी का दूसरा सिद्धांत जो उन्होनें मानव कल्याण के लिए दिया था। वह है भगवान का नाम जप करना। उन्होनें कहा बिन खाली पेट नाम नहीं जपा जा सकता। इसलिए पहले अन्न की व्यवस्था मेहनत से करिए और साथ ही साथ परमात्मा का स्मर्ण और जितना हो सके उतना उनका नाम जप और चिंतन करिए।
- वंड छक्को- तीसरा और अंतिम उपदेश जो नानक साहिब जी ने जो दिया था। वह समाज सुधार के लिए दिया था। उन्होनें अपने इस उपदेश में यह बताया कि दूसरों के साथ हर चीज मिलबाट कर खाना चाहिए और मिलकर एकता के साथ रहना चाहिए। गुरु नानक देव जी ने इस शिक्षा के माध्यम से यह बताया कि समाज में सबको एक साथ मिल बाट कर रहना चाहिए और लोगों के सुख-दुःख बाटना चाहिए। यदि आप किसी परेशान व्यक्ति का दुःख बाट सकते हैं तो ऐसे पुण्य अवश्य करें। मानव जीवन पाकर सभी की सहायता का भाव रख कर चलना चाहिए।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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