Wednesday, November 20, 2024
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Govardhan Puja: गोवर्धन महाराज की नाभि में दीपक क्यों जलाया जाता है? क्या है इससे जुड़ी धार्मिक मान्यता, जानें

गोवर्धन महाराज की पूजा के दौरान नाभि पर एक दीपक जलाया जाता है। इसके पीछे का कारण क्या है, इससे जुड़ी धार्मिक मान्यताएं क्या हैं, आइए इस बारे में जानते हैं।

Written By: Naveen Khantwal
Published on: November 01, 2024 14:04 IST
Govardhan Puja 2024- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL गोवर्धन पूजा 2024

Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा साल 2024 में 2 नवंबर को है। इस दिन गिरिराज गोवर्धन महाराज की पूजा की जाती है। इस दिन पूजा करके भक्त प्रकृति के प्रति आदर प्रकट करते हैं। इसके साथ ही गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण की पूजा करने का भी विधान है। इस दिन गोवर्धन महाराज की पूजा करने से आपके घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही पूजा के दौरान गोवर्धन जी की नाभि में दीपक भी इस दिन जरूर जलाया जाता है। ऐसे में आज हम आपको बताने वाले हैं कि, गोवर्धन जी की नाभि में दीपक क्यों जलाते हैं और इससे जुड़ी धार्मिक मान्यता क्या है। 

साल 2024 में गोवर्धन पूजा 

गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को की जाती है। साल 2024 में प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर की शाम 6 बजकर 16 मिनट से शुरू हो जाएगी। इस के 2 नवंबर की रात 8 बजकर 21 मिनट तक प्रतिपदा तिथि रहेगी। उदयातिथि की मान्यता के अनुसार गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को ही होगी। 

क्यों जलाया जाता है गोवर्धन महाराज की नाभि पर दीपक

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने इंद्र के अहंकार को चूर करने के लिए अपनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था। जब भगवान कृष्ण के कहने पर ब्रज वासियों ने इंद्र की पूजा नहीं की तो, इंद्र ने भयानक वर्षा करनी शुरू कर दी। ब्रज क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन गए। इसके बाद लोगों की रक्षा के लिए भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को छोटी उंगली पर उठा लिया। इसके बाद इंद्र का घमंड चूर-चूर हुआ और उन्होंने भगवान कृष्ण से क्षमा मांगी। कहा जाता है कि, भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को मध्य भाग से उंगली पर उठाया था।

पर्वत उठाने के बाद ब्रज वासियों ने कृष्ण की उंगली पर लालिमा देखी तो उन्होंने वहां पर मक्खन, घी, शहद, तेल आदि लगाना शुरू कर दिया। चूंकि भगवान कृष्ण ने गोवर्धन महाराज को मध्य भाग से उठाया था और मध्य भाग शरीर में नाभि ही होती है। इसलिए गोवर्धन पूजा के दिन गिरिराज की नाभि में दीपक जलाना और तेल, शहद आदि वहां अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, गोवर्धन पूजा के दिन गिरिराज की नाभि पर तेल, शहद, मक्खन आदि लगाने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती। 

पूजा का शुभ-मुहूर्त

साल 2024 में गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को है। इस दिन सुबह की पूजा का शुभ मुहूर्त 6 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा और 8 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। वहीं शाम के समय 5 बजकर 35 मिनट से 6 बजकर 1 मिनट तक आप पूजा कर सकते हैं। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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