Govardhan Puja 2023: आज यानी कि मंगलवार (14 नवंबर) को गोवर्धन पूजा मनाई जा रही है। आज गाय के गोबर से गोवर्धन की मनुष्य स्वरूप आकृति बनाई जाती है और सोलह उपचारों के साथ उसकी पूजा की जाती है। कुछ जगहों पर पर्वत के समान आकृति बनाकर भी गोवर्धन की पूजा की जाती है। आज गोवर्धन बनाकर उसे फूल आदि से सजाना चाहिए और उचित विधि से धूप-दीप,खील-बताशे से गोवर्धन की पूजा करके, उसके चारों ओर सात परिक्रमा लगानी चाहिए। वैसे तो मथुरा स्थित गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा लगाने का विधान है लेकिन जो लोग वहां नहीं जा सकते, वो घर पर ही आज गोवर्धन की पूजा करके उसकी परिक्रमा कर सकते हैं। इससे वास्तविक गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा के समान ही फल मिलता है। इससे जीवन की गति कभी कम नहीं होती और यात्रा सुगम होती है।
बता दें कि गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन घरों व मंदिरों में अन्नकूट के रूप में कढ़ी, चावल, बाजरा और हरी सब्जियां मिलाकर बनाया गया भोजन खाने की और प्रसाद के रूप में बांटने की परंपरा है। कहते हैं आज जो व्यक्ति गोवर्धन के प्रसाद के रूप में ये सब चीजें खाता है और दूसरों को भी खिलाता है या दान करता है, उसके घर में अन्न के भंडार हमेशा भरे रहते हैं। शास्त्रों के अनुसार आज किया गया दान अक्षय हो जाता है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है।
अन्नकूट के अलावा आज गौ पूजा का विशेष महत्व है। आज गायों को दूहा नहीं जाता, बल्कि उनकी सेवा की जाती है। आज गायों के सिंगों पर तेल और गेरू लगाना चाहिए और उनके खुरों को अच्छे से साफ करना चाहिए। आज ऐसा करने से गौ माता के आशीर्वाद से आपके ऊपर कभी भी कोई संकट नहीं आएगा और आपकी तरक्की होगी।
गोवर्धन पूजा के दिन जरूर करें ये चीजें
आज शाम के समय दीप दान भी करना चाहिए और घर में दीपक जलाने चाहिए। साथ ही आज के दिन सौभाग्यवती महिलाओं को और पुरुषों को एक-दूसरे के सामने दीपक घुमाना चाहिए, यानि एक-दूसरे की आरती करनी चाहिए। आज ऐसा करने से घर में लक्ष्मी स्थायी रूप से बनी रहती है। इसके अलावा आज मार्गपाली बंधन करने की भी परंपरा है। आज बाहर जाने वाले घर या गांव के रास्ते को रोकना चाहिए। इसके लिए कुश या अशोक के पत्तों की रस्सी बनाकर बांधना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार आज आपस में रस्सा-कस्सी का खेल खेलना चाहिए।
गोवर्धन पर्व का महत्व
गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन परिक्रमा लगाने का विशेष महत्व होता है। लोग दूर-दूर से यहां परिक्रमा देने आते हैं। लगभग 24 किलोमीटर की इस परिक्रमा मार्ग में कई ऐतिहासिक धार्मिक महत्व वाले स्थल विराजित हैं जहां भगवान कृष्ण ने कई प्रकार की लीला की थी। परिक्रमा के दौरान राधा कुंड के दर्शन करने का विशेष महत्व है और मुख्य है यहां दानघाटी में बना गोवर्धन महाराज का मंदिर जहां लोग दूध दही अर्पित करते हैं। तो आज के दिन जो लोग वहां नहीं जा सकते, वो घर पर ही करें गोवर्धन महाराज के दर्शन।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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