Garun Puran: गरुण पुराण हिंदू धर्म ग्रंथों में सबसे महत्वपूर्ण पुराण है। इस पुराण में जहां नरक लोक की सजाओं के बारे में बताया गया है। वहीं इसमें मनुष्य योनि में जन्म लेकर कैसे मोक्ष की प्राप्ति की जाए उसके भी गूढ़ रहस्य बताए गए हैं। गरुण पुराण में मुख्य तौर पर पक्षिराज गरुण के प्रश्नों का उत्तर भगवान विष्णु ने दिया है। इसमें भगवान विष्णु और गरुण जी के संवाद के साथ ही साथ मनुष्य अपना जीवन कैसे बेहतर जी सकता है यह भी बताया गया है।
आज हम आपको गरुण पुराण के अनुसार एक ऐसी चीज बताने जा रहे हैं। जो यह पहचान कराती है कि कौन स्वर्ग लोक से आया है और कौन नरक लोक से। इस पुराण में मनुष्यों के स्वाभाव के अनुसार यह सारी बातें बताई गई है। आइए जानते हैं नरक और स्वर्ग से आने वाले लोगों की क्या पहचान होती है।
नरक से आए हुए लोगों में होती है ये आदतें
गुरण पुराण के अनुसार जो लोग हर समय दूसरों की निंदा करते हैं, दूसरों को सताते रहते हैं, जिनका व्यवहार दूसरों के प्रति कठोर होता है, हर समय लड़ाई-झगड़ा करने वाले, दुष्ट आचरण अपनाने वाले, पराये धन और संपत्ति को हथियाने वाले, देवताओं की निंदा करने वाले, जो लोग नित्य स्नान नहीं करते आदि मास-मदिरा का सेवन करने वाले, ऐसे लोग नरक भोगने के बाद संसार में मनुष्य रूप में बचे हुए कर्मों का भुगतान करने के लिए फिर से जन्म पाते हैं। जिनमे यह लक्षण होते है गरुण पुराण के अनुसार ऐसे लोग नरक की यातनाएं भोग कर आते हैं।
स्वर्ग लोक से आने वालों की पहचान
गरुण पुराण के अनुसार सात्विक आचरण रखने वाले लोग, प्राणियों के प्रति दया भाव रखने वाले लोग, सत्य मार्ग पर चलने वाले लोग, दूसरो का भला सोचने वाले लोग, गुरुजनों की आज्ञा का निस्वार्थ भाव से पालन करने वाले लोग, अच्छे वचन बोलने वाले लोग, वेद शास्त्र का अध्ययन एवं उसमें श्रद्धा रखने वाले लोग, सेवा सत्कार करने वाले लोग ये सब महान पुरुष की श्रेणी में आते हैं। ये सब स्वर्ग से आए हुए लोगों के लक्षण हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
ये भी पढ़ें-
Tulsi Vivah 2023: तुलसी विवाह के लिए क्या रहेगा शुभ मुहूर्त? जानें सही समय और पूजा विधि