Ganesh Chaturthi: 7 सितंबर से गणेश चतुर्थी का पावन उत्सव शुरू होने वाला है। इस दिन घर-घर बप्पा पधारेंगे। गणपति जी के स्वागत के लिए लोग महीनों पहले से तैयारियां शुरू कर देते हैं। गजानन जी के लिए बड़ेृ-बड़े और भव्य पंडाल सजाएं जाते हैं। पंडाल से लेकर घर-घर में गणपति जी स्थापित किए जाते हैं। गणेश चतुर्थी का उत्सव पूरे 10 दिनों तक चलता है। इस दौरान विधि-विधान के साथ भगवान गणेश की पूजा की जाती है और उन्हें लड्डू, मोदक समेत तरह-तरह के मेवा मिष्ठान का भोग लगाया जाता है।
विघ्नहर्ता गणेश जी की आराधना करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और सभी कार्य शुभ-शुभ होते हैं। अगर आप भी इस गणपति उत्सव पर गणेश जी की मूर्ति लाना चाहते हैं तो जान लीजिए कि किस तरह की भगवान गणेश की प्रतिमा घर लाना शुभ होगा। साथ ही जानेंगे कि किस दिशा में सूंड वाली गणेश जी मूर्ति घर पर स्थापित करनी चाहिए।
गणेश मूर्ति जी की कौनसी मूर्ति घर लानी चाहिए?
ज्योतिषों के मुताबिक, गणेश जी की वो मूर्ति घर लाएं जिसमें उनकी सूंड बाएं तरफ हो। कहते हैं गणपति जी की ऐसी प्रतिमा घर लाने से जीवन में ऐश्वर्य, सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है। इसके अलावा जिस प्रतिमा में गणेश जी की सूंड सीधी हो उसे भी घर में स्थापित किया जा सकता है। गणपति जी की ऐसी प्रतिमा घर लाने से परिवार में शांति और खुशी का माहौल रहता है।
भगवान गणेश की सिंदूर के रंग वाली मूर्ति भी घर लाना अति उत्तम माना जाता है। गणेश जी की इस रंग की मूर्ति घर लाने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और करियर में भी तरक्की मिलती है। वहीं गणपति जी की मूर्ति लेते समय ध्यान रखें कि बप्पा के हाथ में मोदक हो। साथ ही गणेश जी की मूर्ति में उनकी सवारी मूषक जरूर हो इस बात का भी ध्यान रखें।
गणेश चतुर्थी पर घर न लाएं इस तरह के गणपति
गणेश जी की ऐसी मूर्ति घर नहीं लानी चाहिए जिसमें उनकी सूंड दाएं हाथ की तरफ हो। कहा जाता है कि गणेश जी ऐसी सूंड वाली मूर्ति की उपासना विधि-विधान और नियम-निष्ठा के साथ करनी पड़ती है। इनकी पूजा आसान नहीं होती है। वहीं ये भी कहा जाता दाएं हाथ की तरफ सूंड वाले गणेश जी का स्वभाव हठी होता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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