Ganesh Chaturthi 2023: 19 सितंबर यानी मंगलवार से दस दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत हो रही है। गणेश उत्सव भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से लेकर चतुर्दशी तक दस दिनों के लिए मनाया जाता है। गणेश उत्सव 19 सितंबर से शुरू होकर 28 सितंबर, अनंत चतुर्दशी तक मनाया जाएगा। गणेश उत्सव के पहले दिन गणपति जी की घर में स्थापना की जाती है। इसके बाद पूरे दस दिनों तक उनकी विधि-विधान से पूजा करके आखिरी दिन गणेश विसर्जन किया जाता है। भले ही ये गणेश उत्सव दस दिनों तक मनाया जाता है लेकिन ये लोगों की श्रद्धा पर निर्भर करता है कि वो गणपति जी को कितने दिनों के लिए अपने घर लाते हैं । कई लोग 1 दिन, तीन दिन, पांच दिन या सात दिनों के लिए भी गणपति जी को घर पर लाते हैं और उसके बाद उनका विसर्जन करते हैं।
गणपति उत्सव के दौरान आपको कुछ विशेष मंत्रों का जापकरना चाहिए। भगवानगणेश के ऐसे आठ विशेष मंत्र हैं, जिनका जाप करने से आप किसी भी तरह की सिद्धि पा सकते हैं। हम आपको श्री गणेश भगवान के उस एक विशेष मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका जाप करके आप राजनीति में, खेल के क्षेत्र में किसी भी तरह की सफलता पा सकते हैं। तो आइए जानते हैं उस विशेष मंत्रों के बारे में।
1. पहला शक्ति विनायक गणपति जी का मंत्र है- 'ऊँ ह्रीं ग्रीं ह्रीं' गणेश उत्सव के दौरान जप करने से आप राजनीति में और खेल के क्षेत्र में विशेष सफलता पा सकते हैं। इस मंत्र का जाप 4 लाख से लेकर 11 हजार और 11 सौ बार किया जा सकता है। वहीं ध्यान रखें कि गणेश मंत्रों का जप करते समय कभी भी तुलसी की माला का उपयोग नहीं करें।साथ ही गणेश साधना के लिए दिन के समय पूर्वाभिमुख और शाम केसमय उत्तराभिमुख होकर जप करना चहिए।
2. दूसरा मंत्र इस प्रका है- 'वक्र तुण्डाय हुं'ये छः अक्षर का मंत्र है । इसका पुरस्चरण 6 लाख जप है। इस मंत्र के जप से मुसीबतों से छुटकारा मिलता है।
3. तीसरा मंत्र इस प्रकार है-'मेधोल्काय स्वाहा'ये भी छः अक्षर का मंत्र है । इसका पुरस्चरण 6 लाख जप है। विद्या प्राप्ति केलिए इस मंत्र का जप करनी चाहिए।
4. चौथा मंत्र इस प्रकार है -'गं गणपतये नमः' ये आठ अक्षर का मंत्र है । इसका पुरस्चरण 8 लाख जप है। सफलता के लिए इस मंत्र का जप करना चाहिए।
5. पांचवा उच्छिष्ट गणपति नवार्ण मंत्र है- 'हस्तिपिशचिलिखे स्वाहा' यह वाम मार्गिय गणपति साधना का मंत्र है। इसकी जप संख्या एक लाख है। 12 अक्षर का उच्छिष्ट गणपति नवार्ण मंत्र ही बताया गया है। इससे प्यार, पैसा और शोहरत सब कुछ मिलता है।
6. छठवां लक्ष्मीविनायक गणपति का मंत्र है- 'ऊँ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वरवरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा' यह अट्ठाईस (28) अक्षरों का मंत्र है। इसका पुरस्चरण 4 लाख जप है । इस मंत्र के
जप से लक्ष्मी की कमी नहीं रहती।
7. सातवां मंत्र हरिद्रा गणेश मंत्र इस प्रकार है- 'ऊँ हुंगंग्लौं हरिद्रागणपतये वरवरद सर्वजनह्रदयं स्तम्भय स्तम्भय स्वाहा।' यह 32 अक्षरों का मंत्र है । इसका पुरस्चरण 4 लाख है । इस मंत्र का जप करने वाले बच्चों को खुशियां मिलती हैं। मनचाहा वर और मनचाही वधू मिलती है।
8. आठवां त्रैलोक्यमोहन गणेश मंत्र- 'वक्रतुण्डैकदंष्ट्राय क्ली ह्रीं श्रीं गं गणपतये वरवरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा' यह 33 अक्षरों का मंत्र है। इसका पुरस्चरण 4 लाख है। इस मंत्र को सिद्ध करने
वाला व्यक्ति अपने मोहक व्यक्तित्व से सारे संसार को अपने वश में कर लेता है।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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