Februay 2024 Vrat-Tyohar: हिंदू धर्म में फरवरी का महीना अत्यंत पावन माना जाता है। इस माह में कई बड़े तीज-त्यौहार आते हैं। इसके अलावा फरवरी में कई ग्रहों का राशि परिवर्तन भी होने जा रहा है। इस मास में बसंत मौसम की शुरुआत भी होगी। बसंत ऋतु में खुशी और उल्लास का वातावारण रहता है। फरवरी में मौनी अमावस्या, एकादशी से लेकर सरस्वती पूजा का पर्व मनाया जाएगा। तो आइए जानते हैं फरवरी महीने में आने वाले प्रमुख व्रत-त्यौहार के बारे में।
व्रत-त्यौहार | तारीख |
षटतिला एकादशी | 06 फरवरी |
प्रदोष व्रत | 07 फरवरी |
मासिक शिवरात्रि | 08 फरवरी |
माघ अमावस्या, मौनी अमावस्या | 09 फरवरी |
माघ गुप्त नवरात्रि आरंभ | 10 फरवरी |
विनायक चतुर्थी | 13 फरवरी |
बसंत पंचमी, सरस्वती पूजा | 14 फरवरी |
रथ सप्तमी | 16 फरवरी |
माघ गुप्त नवरात्रि दुर्गा अष्टमी | 17 फरवरी |
जया एकादशी | 20 फरवरी |
प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष | 21 फरवरी |
माघ पूर्णिमा व्रत | 24 फरवरी |
फाल्गुन माह प्रारंभ | 25 फरवरी |
फाल्गुन संकष्टी चतुर्थी | 28 फरवरी |
फरवरी 2024 माह के ग्रह- गोचर
- बुध गोचर- 01 फरवरी 2024
- मंगल गोचर- 05 फरवरी 2024
- बुध अस्त- 8 फरवरी, 2024
- शनि अस्त- 11 फरवरी 2024
- शुक्र गोचर- 12 फरवरी 2024
- सूर्य का कुंभ राशि में गोचर- 13 फरवरी 2024
- बुध गोचर- 20 फरवरी 2024
षटतिला एकादशी व्रत
षटतिला एकादशी के दिन तिल का बड़ा ही महत्व है। इस दिन तिल का छ: तरीकों से प्रयोग किया जाता है। षटतिला एकादशी के दिन तिल मिश्रित जल से स्नान करने, तिल का उबटन लगाने, तिल से हवन करने, तिल मिश्रित जल का सेवन करने, तिल का भोजन करने और तिल का दान करने का विधान है। इस दिन दिन भगवान विष्णु की पूजा में भी विशेष रूप से तिल का इस्तेमाल किया जाता है। षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है और उसे जीवन में वैभव प्राप्त होता है।
मौनी अमावस्या
मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन व्रत रखने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पुण्य फलों की प्राप्ति होती है, पितर प्रसन्न होते हैं और पितरों के आशीर्वाद से सारे काम पूरे होते हैं। इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान जरूर करना चाहिए। अगर ऐसा ना कर सके तो घर में ही स्नान के पानी में गंगा जल डाल कर स्नान करना चाहिए है और पितृ तर्पण करने के लिए नदी या घर में स्नान करके सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण करना चाहिए। इसके बाद किसी गरीब या ब्राह्मण को भोजन करना चाहिए और जरूरतमंदों को दान करना चाहिए।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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