आज यानी शुक्रवार दोपहर 2 बजकर 59 मिनट तक मृगशिरा नक्षत्र रहेगा, उसके बाद आर्द्रा नक्षत्र लग जाएगा। आर्द्रा नक्षत्र की आकाशमंडल में 27 नक्षत्र स्थित हैं। 27 नक्षत्रों में से आर्द्रा 6 नक्षत्र माना जाता है। आर्द्रा का अर्थ होता है- नमी, आंख में आने वाले आंसुओं को इस नमी के साथ जोड़कर देखा जाता है। आर्द्रा नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह भी आंसू की बूंद को ही माना जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार भगवान शिव के रुद्र रूप को आर्द्रा नक्षत्र का अधिपति देवता माना जाता है। इसके अलावा आर्द्रा नक्षत्र के स्वामी राहु हैं और इसकी राशि मिथुन है। साथ ही इसका संबंध शीशम के पेड़ से बताया गया है। अतः जिन लोगों का जन्म आर्द्रा नक्षत्र में हुआ हो उन लोगों को आज के दिन शीशम के पेड़ को नमस्कार करना चाहिए और साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आज के दिन आप जाने-अनजाने शीशम के पेड़ को, उसकी लकड़ियों को या उसकी पत्तियों को किसी भी तरह का नुकसान ना पहुंचाएं।
आज के दिन करें ये उपाय
1. धन-धान्य और भौतिक सुखों में वृद्धि के लिए आर्द्रा नक्षत्र के दौरान मंदिर के आंगन में मिट्टी के शिवलिंग की स्थापना करें। फिर विधि-विधान से पूजा करके शिवलिंग पर जल अर्पित करें। जल अर्पित करते समय ‘ऊँ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
2. अपने दाम्पत्य जीवन को सुखमय बनाने के लिए आर्द्रा नक्षत्र में रात को सोते समय अपने सिरहाने पर 2 मूली रखकर सोएं और सुबह उठकर उन्हें किसी मंदिर में दान कर दें। यह प्रक्रिया आर्द्रा नक्षत्र से शुरू करके लगातार 7 दिनों कर करें।
3. यदि आप अपने बिजनेस को दूसरे राज्य में फैलाना चाहते हैं या बिजनेस को बहुत आगे बढ़ता देखना चाहते हैं तो आर्द्रा नक्षत्र के दौरान हाथ में कच्चा कोयला लेकर बहते जल में प्रवाहित कर दें। संभव हो तो चांदी की एक ठोस गोली अपने ऑफिस या दुकान की तिजोरी में रख दें।
4. अगर आपके किसी अजीज ने आपको कोई महत्वपूर्ण काम दिया है और आप उसे पूरी मेहनत के साथ पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उसमें आपको सफलता नहीं मिल पा रही है तो आर्द्रा नक्षत्र में देवी सरस्वती के मंदिर में जाकर आसन पर बैठकर देवी मां की विधिवत पूजा करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
5. यदि आप पर घर-परिवार की बहुत अधिक जिम्मेदारियां हैं, लेकिन आर्थिक समस्या के चलते आप उन्हें पूरा नहीं कर पा रहे हैं तो आर्द्रा नक्षत्र में रात को सोते समय अपने सिरहाने पर चन्दन का छोटा-सा टुकड़ा रख कर सोएं। फिर सुबह उस चंदन को राहु के मंत्र का जाप करते हुए जल में प्रवाहित कर दें। मंत्र है- 'ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:'
6. अगर आपको किसी कारणवश मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है या आप किसी बात को लेकर कुछ दिनों से चिंतित हैं तो इस परेशानी को दूर करने के लिए आर्द्रा नक्षत्र में चन्दन की माला लेकर गले में पहनें। साथ ही आर्द्रा नक्षत्र में चंदन को पीसकर, उसका तिलक मस्तक पर लगाएं।
7. आप विदेश में नौकरी करने के इच्छुक हैं और जल्द से जल्द वहां सेटेल होना चाहते हैं तो आर्द्रा नक्षत्र में एक कच्चा नारियल और साथ ही 11 साबुत बादाम लें। अब नारियल और बादाम को एक काले कपड़े में बांधकर बहते जल में प्रवाहित कर दें।
8. आपको लाख मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं मिल पा रही, उसमें कोई न कोई अड़चन आ रही है तो आर्द्रा नक्षत्र में अपने घर के मंदिर में एक छोटी-सी लकड़ी की चौकी रखें और उस पर गंगाजल से छींटा मारें। अब उस चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और मां सरस्वती की प्रतिमा को उस चौकी पर स्थापित करके, पीले रंग का वस्त्र मां को पहनाएं और सोलह श्रृंगार से मां को सजाएं। इसके बाद देवी मां के चरणों में सफेद पुष्प अर्पित करके खोए की मीठाई का भोग लगाएं।
9. अगर आप किसी विशेष कार्य से बाहर जा रहे हैं और चाहते हैं कि उस कार्य में आपको शत प्रतिशत सफलता मिले तो एक नीले रंग का धागा लेकर घर से निकलें। शीशम के पेड़ पर अपना काम कहते हुए वह नीले रंग का धागा बांध दें।
10. समाज या राजनीति के क्षेत्र में अपना रुतबा कायम करने के लिए आर्द्रा नक्षत्र के दौरान मंदिर में तिल या गेहूं से बनी किसी चीज़ का दान करें। अगर यह संभव नहीं है तो केवल तिल या फिर गेहूं का दान करें।
11. यदि आप किसी को अपनी तरफ आकर्षित करना चाहते हैं तो आर्द्रा नक्षत्र में संभव हो तो चांदी के बने हाथी को अन्यथा मिट्टी के हाथी को अपने घर में स्थापित करें। साथ ही पक्षियों को बाजरा डालें।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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