करवा चौथ का त्यौहार हमारे देश में सुहागिन स्त्रियां बेहद धूमधाम से मनाती हैं। सुहागिन महिलाओं के लिए यह त्यौहार बेहद ही खास और स्पेशल होता है। यह व्रत सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी दांपत्य जीवन के लिए रखती हैं। इस व्रत को पूरे दिन निर्जला रखना होता है। इस बार यह करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर को मनाया जाएगा। करवा चौथ का व्रत पतियों से जुड़ा होता है ऐसे में इस व्रत में महिलायें सोलह श्रृंगार भी करती हैं। इसलिए इस दिन को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इस दिन शादीशुदा महिलाओं को व्रत के साथ कपड़ों के चुनाव पर भी ख़ासा ध्यान देना होता है। इस दिन महिलाओं को इन कुछ रंग के कपड़ों का प्रयोग बिल्कुल नहीं करनी चाहिए अन्यथा उनके पतियों पर आपदा आ सकती है।
काला रंग
करवा चौथ के दिन शादीशुदा महिलाओं को काले रंग के कपड़े नहीं पहनी चाहिए। यह रंग अशुभ और नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए हिन्दू धर्म में कोई भी शुभ कार्य या पूजा-पाठ करते समय काले रंग के कपड़े पहनने से मना किया जाता है। हालांकि मंगलसूत्र और काजल का प्रयोग कर सकते हैं, क्योंकि यह बुरी नजर से बचाता है।
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सफेद रंग
हिन्दू धर्म में सुहागिनों के लिए सफेद रंग पहनना अशुभ माना जाता है। इसलिए करवा चौथ पर शादीशुदा महिलाओं को सफेद रंग के कपड़े कभी भी नहीं पहनने चाहिए। इसके साथ ही इस दिन सफेद रंग की चीजों जैसे दही, दूध, चावल या सफेद वस्त्र का दान नहीं करना चाहिए
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भूरा रंग
करवा चौथ के दिन भूरे रंग के कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह रंग सेडनेस से भरा रंग माना जाता है। इसलिए सुहागिन महिलाओं को करवाचौथ पर इस रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए।
किस रंग की साड़ी पहनें?
लाल रंग को सुहाग का प्रतीक माना गया है। ऐसा में अगर सुहागिन स्त्रियां लाल, मैरून , हरे रंग की साड़ी पहनती हैं, तो येह उनके लिए बेहद शुभ है। इस इंग के कपड़ो से भगवान भी प्रसन्न होते है।