
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को बेहद शुभ माना गया है, फरवरी माह में फाल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहा जा रहा है, धार्मिक मान्यता है कि यह तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। विजया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी होती है। साथ ही जातक ही सभी मनोकामना पूर्ण होती है। इस तिथि पर कुछ चीजें जातक को बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए...
भगवान राम ने भी रखा था यह व्रत
ऐसा माना जाता है कि विजया एकादशी व्रत के दौरान भगवान विष्णु की पूजा-पाठ विधिवत होनी चाहिए। साथ ही इस दिन दान का भी विशेष महत्व है। कहा जाता है कि लंका में जीत हासिल करने के बाद खुद श्रीराम ने विजया एकादशी का व्रत रखा था। तभी से माना जाता है कि विजया एकादशी का व्रत रखने से जातक को हर क्षेत्र में जीत हासिल होती है। साथ ही पास आ रही कोई भी परेशानी बिना झंझट के दूर हो जाती है। हालांकि इस दिन सत्यनारायण व्रत कथा सुनने का भी विधान है। इस व्रत के दौरान कुछ चीजें बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
क्या नहीं करना चाहिए?
- एकादशी के दिन व्रत रखना चाहिए और भूल से भी अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए।
- एकादशी के दिन परिवार में किसी भी व्यक्ति को चावल नहीं खाना चाहिए।
- मांसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए: एकादशी के दिन मांसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए।
- व्रत के दौरान इस दिन नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- इस दिन व्यभिचार नहीं करना चाहिए।
- साथ ही झूठ नहीं बोलना चाहिए।
- चोरी नहीं करनी चाहिए।
- क्रोध नहीं करना चाहिए।
- अशुद्ध वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए।
- एकादशी के दिन व्रत का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।
- इस दिन बाल व नाखून भी नहीं काटना चाहिए।
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