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Diwali Puja Muhurat 2022: दिवाली पूजा मुहूर्त, जानें लक्ष्मी पूजन का शुभ समय व पूजन सामग्री और पूजाविधि

Diwali 2022: इस साल कार्तिक अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट से लग रहा है और इसी दिन प्रदोष काल में और मध्यरात्रि में अमावस्या तिथि है इसलिए 24 अक्टूबर को ही दीपावली का पूजन किया जा रहा है।

Written By: Poonam Shukla @Poonams65850364
Published on: October 24, 2022 7:33 IST
Diwali Puja Muhurat - India TV Hindi
Image Source : DIWALI PUJA MUHURAT Diwali Puja Muhurat

Diwali 2022: दिवाली रोशनी का पर्व है। यह त्योहार हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीराम 14 साल के बाद वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। एक अन्य मान्यता है कि दिवाली के दिन ही मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। इस कारण इस दिन लक्ष्मी पूजन किया जाता है। बता दें दिवाली के दिन घर में बहुत सारे दीपक जलाने चाहिए। 

दिवाली शुभ मुहूर्त

इस साल कार्तिक अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट से लग रहा है और इसी दिन प्रदोष काल में और मध्यरात्रि में अमावस्या तिथि है इसलिए 24 अक्टूबर को ही दीपावली का पूजन गृहस्थजन प्रदोष काल में करेंगे। बता दें इस साल अमावस्या तिथि 24 और 25 अक्टूबर दोनों दिन ही है लेकिन 25 अक्टूबर को अमावस्या प्रदोष काल से पहले ही समाप्त हो जाएगी इसलिए दीपावली 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी। 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट पर अमावस्या शुरू होगी जो मंगलवार शाम को 4 बजकर 19 मिनट तक रहेगी। 24 अक्टूबर को दिवाली का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 54 मिनट से रात 8 बजकर 16 मिनट तक है।  

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दिवाली लक्ष्मी-गणेश पूजा शुभ मुहूर्त- 24 अक्टूबर 

  1. लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त - शाम 06:54 से 08:16 मिनट तक 
  2. लक्ष्मी पूजन की अवधि-  1 घंटा 21 मिनट
  3. प्रदोष काल - शाम 05:42 से रात 08:16 मिनट तक
  4. वृषभ काल - शाम 06: 54 से रात 08: 50 मिनट तक 

दिवाली लक्ष्मी-गणेश पूजाविधि

  • पूजा के लिए लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और इस पर साबुत अक्षत की एक परत बिछा दें।
  • श्री लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा को विराजमान करें और पूजन सामग्री लेकर उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  • जल कलश व अन्य पूजन सामग्री जैसे- लाई, बताशा,सिन्दूर,गंगाजल,अक्षत-रोली,मोली,फल-मिठाई,पान-सुपारी,इलाइची आदि उत्तर और उत्तर-पूर्व में ही रखा जाना शुभ है।
  • इसी प्रकार गणेशजी के पूजन में दूर्वा, गेंदा और गुलाब के फूल चढ़ाएं। 
  • पूजा स्थल के दक्षिण-पूर्व की तरफ घी का दीप जलाते हुए ॐ दीपोज्योतिः परब्रह्म दीपोज्योतिः जनार्दनः ! दीपो हरतु में पापं पूजा दीपं नमोस्तुते ! मंत्र का जाप करें।
  • देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश के लिए भोग लगाएं। 
  • सहपरिवार आरती करें।
  • पूजन के बाद मुख्य दीपक को रात्रि भर जलने दें।
  • लक्ष्मी जी के मंत्र ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः। का जप करें।
  • पूजन कक्ष के द्वार पर सिन्दूर या रोली से दोनों तरफ स्वास्तिक बना देने से घर में नकारात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं करती हैं।
  • वहीं विद्यार्थी वर्ग इस दिन माता महासरस्वती का मंत्र  "या देवि ! सर्व भूतेषु विद्या रूपेण संस्थिता ! नमस्तस्यै ! नमस्तस्यै ! नमस्तस्यै नमोनमः !! का जाप करें।

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दिवाली 2022 पूजन सामग्री

  1. गणेशजी लक्ष्मी जी की मूर्ति
  2. मां सरस्वती की तस्वीर
  3. चांदी का  सिक्का
  4. फूल
  5. गुलाब एवं लाल कमल
  6. चंदन
  7. सिंदूर, कुमकुम
  8. केसर
  9. पांच यज्ञोपवीत
  10. चावल
  11. अबीर
  12. गुलाल
  13. हल्दी
  14. सोलह श्रृंगार का सामान (चूड़ी, मेहंदी, पायल, बिछिया, काजल, बिंदी, कंघा)
  15. 5 सुपारी
  16. 5 पान के पत्ते
  17. छोटी इलायची
  18. लौंग
  19. मौली या कलावा
  20. फूलों की माला
  21. तुलसी 
  22. कमलगट्टे
  23. साबुत धनिया
  24. कुशा और दूर्वा
  25. आधा मीटर सफेद कपड़ा
  26. आधा मीटर लाल कपड़ा
  27. दीपक
  28. बड़े दीपक के लिए तेल
  29. नारियल
  30. पंच मेवा (मखाना, किशमिश, छुहारा, बादाम, काजू आदि)
  31. गंगाजल
  32. पंचामृत (शहद, दूध, शक्कर, दही, गंगाजल, दूध)
  33. शुद्ध घी
  34. मौसम के हिसाब से फल ( गन्ना, सिंघाड़े आदि)
  35. नैवेद्य
  36. मिठाई
  37. इत्र की शीशी
  38. लकड़ी की चौकी
  39. पंच पल्लव (बड़, गूलर, पीपल, आम और पाकर के पत्ते)
  40. लक्ष्मीजी और गणेश जी को अर्पित करने के लिए वस्त्र
  41. जल कलश तांबे , मिट्टी या पीतल का
  42. बही-खाता, स्याही की दवात
  43. हल्दी की गांठ
  44. खील-बताशे
  45. कपूर
  46. जल के लिए लोटा
  47. बैठने के लिए आसन
  48. आम का पत्ता

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। INDIA TV इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

 

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