Diwali 2023: शास्त्रों के अनुसार हिंदू धर्म में प्रकृति में सम्मलित सभी चीजें पूज्यनीय होती हैं। हर देवी-देवता से जुड़ा कोई एक पेड़ उनका स्वरूप माना जाता है। बात करें पौधों में लक्ष्मी जी को तो उनसे जुड़े कुछ पौधे हैं जिसमें उनका वास होता है और इस कारण वो उनका स्वरूप माने जाते हैं। मान्यता के अनुसार ऐसे कई पौधे बताएं गए हैं और उनके पीछे अलग अलग धारणाएं भी हैं। दिवाली का त्यौहार आने वाला है और यह समय मां लक्ष्मी को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का है। तो आइये जानते हैं वो कौन से पौधे हैं जिन्हें मां लक्ष्मी का सूचक माना जाता है।
तुलसी का पेड़ साक्षात मां लक्ष्मी का रूप
हिंदू धर्म में जो मां लक्ष्मी के स्वरूप में सबसे पूज्यनीय पौधा है। वह तुलसी का पौधा है। इसका पौधा आपको प्रत्येक लक्ष्मी उपासक के घर में लगा दिख जाएगा। तुलसी के पौधे का हिंदू धर्म में बड़ा विशेष महत्व बताया गया है। वैसे तो मान्यता के अनुसार कुछ और भी पौधे हैं जो मां लक्ष्मी के रूप माने गए हैं और उन्हें घर में लगाना शुभ माना गया है। लेकिन विषेश रूप से तुलसी का पौधा घर में लगाना धन संपदा के लिए सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। मान्यता है कि जहां तुलसी का पैड़ होता है उस घर की सुख संपदा सदैव दिन पर दिन बड़ती रहती है। जिस घर में नित्य तुलसी के पौधे की पूजा होती है उस घर में धन की कमी नहीं रहती है।
क्रसुला का पेड़ लगाने से होता है धन आगमन
मान्यता है कि क्रसुला का पौधा लगाने से घर में धन का आगमन होता है और धन की अधिष्ठात्रि देवी मां लक्ष्मी हैं। इस कारण से क्रसुला के पौधे को मां लक्ष्मी से जुड़ा माना जाता है। क्रसुला का पौधा धन को आकर्षित भी करता है। यह पौधा घर में धन आगमन के साथ ही साथ सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार करता है।
कनेर के पौधे में मां लक्ष्मी का वास
तुलसी के अलावा कनेर का पौधा भी मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। यदि आप कनेर का फूल मां लक्ष्मी को अर्पित करते हैं। तो लाल और पीला सबसे शुभ माना जाता है। कनेर का पौधा विशेष रूप से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को प्रिय है। मनोकामना पूर्ति के लिए कनेर का पीला फूल मां लक्ष्मी को सबसे ज्यादा चढ़ाया जाता है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि कनेर के पैड़ में साक्षात मां लक्ष्मी का वास होता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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