Diwali 2023: दीपावली के त्यौहार में अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं। दीपावली इस बार 12 नवंबर 2023 के दिन रविवार को है, लेकिन इस पर्व का सिलसिला 10 नंवबर 2023 दिन शुक्रवार से ही शुरू हो जाएगा। धनतेरस के दिन से ही दीपावली पर्व की शुरुआत हो जाती है। दीपावली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा एक साथ की जाती है।
मां लक्ष्मी और श्री गणेश की पूजा के लिए हम सभी उनकी मूर्ति खरीदते हैं और दीपावली वाले उनकी स्थापना घर में करते हैं। उसके बाद दीपावली की संध्या में उनकी पूजा की जाती है। लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति खरीदने से पहले कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आइये जानते हैं, वो कौन सी बाते हैं जिन्हें हमको मां लक्ष्मी और श्री गणेश की मूर्ति खरीदने से पहले ध्यान देना चाहिए।
मां लक्ष्मी और श्री गणेश की मूर्ति इस तरह होनी चाहिए
- लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ती यदि आप लेने जाते हैं, तो पहले देख लें दोनों मूर्तियां आपस में एक न हों। दोनों की मूर्तियां अलग ही होनी चाहिए। क्योंकि मां लक्ष्मी विष्णु जी की अर्धांगनी है और भगवान गणेश उनके दत्तक पुत्र है। मां लक्ष्मी के बाईं तरफ ही गणेश जी को विराजित करना चाहिए।
- दीपावली की पूजा के लिए माता लक्ष्मी की मूर्ति ऐसी होनी चाहिए जिसमें वो कमल के फूल पर बैठी हों। पूजा के लिए मां लक्ष्मी की न तो उल्लू की सवारी पर बैठी हुई मूर्ती हो और न ही खड़ी मुद्र वाली मूर्ति।
- भगवान गणेश की मूर्ति यदि आप पूजा के लिए लेते हैं, तो उसमें उनकी सूंड़ बाईं तरफ की ओर होनी चाहिए और भगवान गणेश की मूर्ति बैठी मुद्रा में ही खरीदें।
- पूजा में मिट्टी से बनी मूर्ती ज्यादातर लोग घर ले कर आते हैं। इसके अलावा आप अष्टधातु, सोने और चांदी की भी मूर्ति पूजा के लिए घर ला सकते हैं।
- ध्यान रहे पूजा के बाद भगवान श्री गणेश और मां लक्ष्मी की मूर्ती को विसर्जित न करें, क्योंकि मां लक्ष्मी धन की अधिष्ठात्रि देवी हैं और भगवान गणेश विघ्न विनाशक हैं।
- यदि दीपावली की पूजा के लिए आप भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की मूर्ति खरीद कर घर लाते हैं। तो मां लक्ष्मी की लाल रंग की मूर्ति खरीदें और भगवान गणेश की पीले रंग की मूर्ति लें। यह दोनों ही रंग शुभ माना जाता है।
- विशेष रूप से मां लक्ष्मी और श्री गणेश की मूर्ति धनतेरस के दिन खरीदनी चाहिए और दीपावली के दिन इन दोनों की प्रतिमाओं को पूजा के लिए घर में स्थापित कर लेना चाहिए।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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