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Diwali 2023: यम दीपक को इग्नोर कर आप न कर देना बड़ी गलती, जानिए क्या होगा नुकसान

Diwali 2023: दीपावली के दिन दीपदान करने का बड़ा महत्व है। इस दिन कई प्रकार के दीये देवी-देवताओं के निमित्त प्रज्जवलित कर उन्हें अर्पित किया जाता है। आज हम दीपदान करने की उस परंपरा के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जो सदियों पुरानी है। आइये जानते हैं यम दीपक का क्या महत्तव है। इसे कब और क्यों जलाया जाता हैं।

Written By: Aditya Mehrotra
Published : Nov 06, 2023 18:45 IST, Updated : Nov 06, 2023 18:45 IST
Diwali 2023
Image Source : INDIA TV Diwali 2023

Diwali 2023: दीपावली के बारे में हम सभी जानते हैं कि भगवान राम के वनवास से लौटने की खुशी में इस पर्व को मनाया जात है। दीपावली का मुख्य पर्व कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमाव्स्या की रात को मनाया जाता है। लेकिन यह पर्व पूरे पांच दिनों तक चलता है। दीपावली में दीप दान करने का बड़ा महत्व बताया गया है। यदि बात करें धनतेरस की तो इस दिन से दीये जलाने का क्रम शुरू हो जाता है, जो पूरे दीपावली तक चलता है। दीपावली का पहला दीपक धनतेरस के दिन जलाया जाता है जिसे यम दीपक कहते हैं। आइये जानते हैं यम दीपक क्यों जलाया जाता है और इसका क्या महत्व है।

यम दीपक से नहीं होती आकाल मृत्यु 

यम दीपक को धनतेरस के दिन जलाया जाता है। यह दीपक मृत्यु के देवता यमराज को समर्पित होता है। मान्यता है कि यम देव को इस दिन दीपदान करने से वह प्रसन्न होते हैं। ये भी कहा जाता है कि यम दीपक को यदि जलाया जाए तो उस घर में किसी भी सदस्य की आकाल मृत्यु नहीं होती है। 

यम दीपक का संबंध पितरो से

पौराणिक मान्यता है कि हम जो भी पूजा से संबंधित कर्मकांड अपने पितरों के निमित्त करते हैं। उससे वह तृप्त होकर परिवार को आशीर्वाद देते हैं। यम दीपक जहां आकाल मृत्यु के संकट को रोकता है। वहीं इसके पीछे ये भी मान्यता है कि यदि धनतेरस की शाम सूर्यास्त के बाद यम दीपक जलाया जाए तो उससे पितरों के मार्ग को प्रकाश मिलता है। वो अपने स्वर्ग लोक की यात्रा इसी प्रकाश के माध्यम से करते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि यम दीपक दक्षिण दिशा की और जलाना चाहिए और शास्त्रों में वर्णित है कि दक्षिण दिशा में पितरों का निवास होता है।

यम दीपक जलाने के नियम

  • शास्त्रों के अनुसार यम दीपक को धनतेरस के दिन जलाना चाहिए। कुछ लोग धनतेरस के दिन की जगह छोटी दीपावली को भी यम दीपक जलाते हैं।
  • क्योंकि ये दीपक यम देव को समर्पित होता है और उनकी दिशा शास्त्रों में दक्षिण मानी गई है। तो इसे सिर्फ दक्षिण दिशा में ही जलाएं। 
  • यम दीपक को कभी भी घर के अंदर नहीं जलाना चाहिए। यदि आप यम दीपक जलाते हैं तो घर के बार ही जलाएं और इसे दक्षिण दिशा में रखना न भूलें।
  • यम दीपक जलाने के बाद परिवार के किसी भी सदस्य को उसके बाद घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। जब घर के सभी सदस्य घर आ जाएं तभी यम दीपक जलाएं।
  • यम दीपक को सूर्यास्त के बाद संध्याकाल में जलाएं। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।) 

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