16 दिसंबर को ग्रहों के राजा सूर्य धनु राशि में गोचर करेंगे। सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर रहे हैं इसलिए 16 दिसंबर को धनु संक्रांति के नाम से जाना जाएगा। सूर्य जिस राशि में प्रवेश करते हैं, उसी के अनुसार संक्रांति का नामकरण किया जाता है। धनु संक्रांति का पुण्यकाल 16 दिसंबर को सुबह 09 बजकर 58 मिनट से शाम 04 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। सूर्य की धनु संक्रांति में और खासकर संक्रांति के पुण्यकाल के दौरान गोदावरी नदी में स्नान-दान का बहुत महत्व है।
शुरू होगा खरमास
16 दिसंबर से खरमास भी शुरू होगा। प्रत्येक वर्ष सूर्य के धनु और मीन राशि में जाने पर खरमास लगता है और यह पूरे एक महीने तक होता है, यानी वर्ष में दो बार खरमास होता है।
शुभ काम होंगे बंद
ज्योतिष शास्त्र में खरमास या मलमास को अच्छा नहीं माना जाता। इस बीच कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन संस्कार आदि कराने की मनाही होती है। जबकि इस दौरान सूर्य देव की उपासना करना विशेष फलदायी माना जाता है। अतः संक्रान्ति से संबंधित सूर्यदेव के जो भी उपाय आपको बतायेंगे उन्हें करने से आपकी सभी परेशानियां दूर होंगी।
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धनु संक्रांति के ये उपाय दूर करेंगे हर समस्या
- धनु संक्रांति के दिन सूर्य देव को अर्घ्य दें और भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करे। महामृत्युजंय मंत्र का पाठ करें। इससे अनहोनियों से बचाव होता है।
- काली गाय या बड़े भाई की सेवा करें। आयु में वृद्धि होगी। इस दौरान किसी भी काम के लिये घर से बाहर जाते समय कुछ न कुछ मीठा खाने के बाद पानी पीकर ही जाना चाहिए। काम आसानी से सिद्ध होंगे।
- अगर घर में पीतल के पुराने बर्तन हैं और आप उन्हें बेचने की सोच रहे हैं, तो अगली संक्रान्ति तक यह विचार त्याग दें। इस दौरान किसी से मुफ्त में चांदी या चावल न लें।
- मन्दिर या किसी धर्मस्थल के बाहर कुत्ते के निमित्त भोजन रखने से या वहां पर कुछ न कुछ दान देते रहने से पिता का और स्वयं का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
- धनु संक्रांति के दिन नमक नहीं खाएं। हो सके तो इस दिन व्रत करें। पितरों की कृपा पाने के लिए तर्पण करें, आपका जीवन सुख-समृद्धि से भर जाएगा।
- रात को सोते समय अपने सिरहाने पर 5 बादाम रखकर सोएं और अगले दिन उन्हें किसी धर्मस्थल पर या मन्दिर में दे आयें।