Dhanteras 2022: धनतेरस से पांच दिवसीय दिवाली उत्सव की शुरुआत होती है, जिसमें पहले धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन, बलिप्रतिपदा पूजा और आखिर में भैया दूज का त्योहार मनाया जाता है। माना जाता है कि धनतेरस के दिन भगवान धन्वन्तरि का जन्म हुआ था। इसलिए धनतेरस को धन्वन्तरि जी के जन्मदिवस के रूप में भी मनाया जाता है। भगवान धन्वन्तरि देवताओं के चिकित्सक माने जाते हैं। इसलिए धनतेरस का दिन चिकित्सकों के लिए विशेष महत्व रखता है। कुछ समय से इस दिन को 'राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस' के रूप में भी मनाया जाने लगा है। जैन धर्म में धनतेरस को 'धन्य तेरस' या 'ध्यान तेरस' भी कहते हैं। क्यूंकि इस दिन भगवान महावीर ध्यान में गए थे और तीन दिन बाद दिवाली के दिन निर्वाण को प्राप्त हुए थे। धनतेरस के साथ ही इस दिन कामेश्वरी जयंती भी होती है।
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जानिए धनतेरस पर खरीदी जाने वाली कुछ खास चीजों के बारे में -
- मां लक्ष्मी की कृपा से अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए और अपने बिजनेस में पैसों की आवाजाही को बढ़ाने के लिए धनतेरस के दिन लक्ष्मी-गणेश जी का चित्र बना हुआ सोने या चांदी का सिक्का लाकर, उसे संभालकर अपने पास रखना चाहिए और दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा के समय इसे लकड़ी के पाटे पर स्थापित करके इसकी विधि-पूर्वक पूजा करनी चाहिए और बाद में इसे अपने घर या ऑफिस की तिजोरी या मन्दिर में स्थापित करना चाहिए। इससे आपके घर और बिजनेस की आर्थिक स्थिति अच्छी होगी और आपको लाभ ही लाभ मिलेंगे। मिट्टी से बने लक्ष्मी-गणेश जी खरीदना भी बड़ा ही शुभ होता है।
- जो सोने-चांदी के सिक्के नहीं खरीद सकते, वो लोग पीतल का कोई बर्तन खरीदें और उसमें कुछ मीठा या चावल के दाने डालकर लाएं। इस दिन घर में किसी चीज़ से भरा हुआ पीतल का बर्तन लाना बड़ा ही अच्छा माना जाता है। दरअसल, इसके पीछे एक मान्यता छुपी हुई है। समुद्र मंथन के दौरान जब भगवान धन्वन्तरि का अवतरण हुआ था, तब वो अपने दो बाएं हाथों में से एक में अमृत से भरा पीतल का कलश लिए हुए थे और उनके बाकी हाथों में शंख, चक्र और औषधी विद्यमान थी। लिहाजा धनतेरस पर पीतल का बर्तन खरीदना बहुत ही शुभ होता है।
- धनतेरस के दिन जो कुछ भी खरीदा जाएं, उसे तुरंत उपयोग में नहीं लेना चाहिए। आप सोने-चांदी के सिक्के, कोई आभूषण या कोई बर्तन, जो कुछ भी खरीदा हो या खरीदेंगे, दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा के समय उसकी भी विधिवत पूजा करनी चाहिए और उसके बाद ही उसे उपयोग में लेना चाहिए।
- इसके अलावा धातु आदि पर बने लक्ष्मी जी के पद चिन्ह, यानि पैरों के चिन्ह, कौड़ी, गोमती चक्र और एकाक्षी नारियल भी घर में लाना बहुत अच्छा होता है। इसके अलावा बहुत से लोग दिवाली पूजन की सारी सामग्री, जैसे धूप-दीप, मिठाई, मेवा आदि भी धनतेरस पर खरीद लेते हैं।
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जानिए धन्वन्तरि जी के पूजा के बारे में -
धनतेरस के दिन धन्वन्तरि जी की पूजा बहुत ही शुभ फल दायी होती है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए, आरोग्य प्राप्ति के लिए और अच्छे जीवन के लिए धनतेरस के दिन भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले धन्वन्तरि जी की पूजा में आपको भगवान धन्वन्तरि की मूर्ति या तस्वीर, लकड़ी की चौकी, धूप, मिट्टी का दीपक, रूई, गंध, कपूर, घी, फल, फूल, मेवा, मिठाई और भोग के लिये प्रसाद, ये सारी चीज़ें चाहिए होंगी। परंपराओं के अनुसार धनतेरस पर सात धान्यों को भी पूजा में रखा जाता है। सात धान्य में गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर शामिल हैं।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं)
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