Devshayani Ekadashi 2024: सनातन धर्म में देवशयनी एकादशी का बड़ा महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। इस दिन भक्त विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा आराधना करते हैं और व्रत रखते हैं। हालांकि, इस व्रत के पारण का भी विशेष नियम है, अगर सही विधि से व्रत का पारण न किया जाए तो इस व्रत का शुभ फल आपको प्राप्त नहीं होता। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि देवशयनी एकादशी व्रत का पारण कब किया जाएगा और व्रत खोलते समय आपको क्या खाना चाहिए।
देवशयनी एकादशी पारण
देवशयनी एकादशी का व्रत साल 2024 में 17 जुलाई को रखा गया। एकादशी तिथि का आरंभ 16 जुलाई की रात्रि में 8 बजकर 32 मिनट से हो गया था और एकादशी तिथि का समापन 17 जुलाई की रात्रि में लगभग 9 बजे हुआ। उदयातिथि की मान्यता के अनुसार देवशयनी एकादशी का व्रत 17 जुलाई को था। हालांकि एकादशी व्रत का पारण अगली तिथि यानि द्वादशी को किया जाता है। ऐसे में व्रत का पारण 18 जुलाई को किया जाएगा। व्रत के पारण के लिए शुभ समय 5 बजकर 36 मिनट से 8 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। इस समय आप विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद व्रत खोल सकते हैं।
कैसे करें व्रत का पारण
देवशयनी एकादशी व्रत का पारण करने से पूर्व आपको सुबह स्नान-ध्यान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके बाद पूजा स्थल पर धूप-दीप जलाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। आरती करने के बाद आपको फल, मिष्ठान आदि का भोग विष्णु भगवान को लगाना चाहिए। इसके बाद आपको घर के सदस्यों में व्रत का प्रसाद वितरित करना चाहिए और हो सके तो यथासंभव दान भी करना चाहिए।
देवशयनी एकादशी व्रत का पारण क्या खाकर करें
भगवान विष्णु की पूजा आराधना के बाद आपको व्रत का पारण करना चाहिए। माना जाता है कि एकादशी तिथि के दिन तुलसी, आंवला या चावल खाकर व्रत का पारण व्रत रखने वाले को करना चाहिए। इन चीजों से व्रत का पारण करने से आपको भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
जो भी भक्त श्रद्धापूर्वक एकादशी व्रत का पालन करता है उसको विष्णु जी की परम कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत जो भी व्यक्ति रखता है उसके जीवन में आ रही परेशानियों का अंत होता है और साथ ही धन-धान्य की भी प्राप्ति होती है। मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भी एकादशी व्रत को बहुत शुभ माना गया है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
ये भी पढ़ें-