Devshayani Ekadashi 2024: हर साल आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी का व्रत करने का विधान है। देवशयनी एकादशी को 'हरिशयनी', 'योगनिद्रा' या 'पद्मनाभा' एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। कहते हैं कि एकादशी का व्रत रखने और विधिपूर्वक पूजा करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस साल 17 जुलाई 2024 को देवशयनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। तो आइए जानते हैं कि भगवान विष्णु की विशेष कृपा पाने के लिए देवशयनी एकादशी के दिन श्री हरि को कौनसे फूल अर्पित करने चाहिए।
कमल का फूल: देवशयनी एकादशी के दिन विष्णु जी को कमल के फूल जरूर अर्पित करें। कमल के फूल भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी को भी अति प्रिय है। एकादशी के दिन श्री हरि को कमल के फूल चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही जीवन में खुशहाली और समृद्धि आती है।
शंखपुष्पी का फूल: भगवान विष्णु को शंखपुष्पी के फूल चढ़ाने से घर में बरकत आती है। देवशयनी एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु को शंखपुष्पी के फूल जरूर अर्पित करें।
गेंदा का फूल: देवशयनी एकादशी के दिन प्रभु नारायण क पीले रंग का गेंदा का फूल जरूर अर्पित करें। गेंदा फूल या इसका माला चढ़ाने से विष्णु जी प्रसन्न होते हैं और भक्तजनों की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं।
देवशयनी एकादशी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवशयनी एकादशी के दिन से ही पूरे चार महीनों तक के लिए भगवान श्री विष्णु विश्राम के लिए क्षीर सागर में चले जाते हैं। भगवान श्री हरि के शयनकाल के इन चार महीनों को चातुर्मास के नाम से जाना जाता है। इन चार महीनों में श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक मास शामिल हैं। चातुर्मास के आरंभ होने के साथ ही अगले चार महीनों तक शादी-ब्याह आदि सभी शुभ कार्य करना वर्जित हो जाता है। हालांकि इस दौरान तीर्थ यात्रा करना, स्नान-दान करना तथा भगवान का ध्यान करना शुभ माना जाता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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