Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. धर्म
  3. त्योहार
  4. Dashavatar Vrat 2022: भगवान विष्णु का यह व्रत मां लक्ष्मी को कर देता है प्रसन्न, जानिए महत्व और पूजा विधि

Dashavatar Vrat 2022: भगवान विष्णु का यह व्रत मां लक्ष्मी को कर देता है प्रसन्न, जानिए महत्व और पूजा विधि

Dashavatar Vrat 2022: भाद्रपद शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशावतार व्रत किया जाता है। इस दिन विधि-विधानपूर्वक दशावतार व्रत करना बहुत अधिक फलदायी बताया गया है। आइए जानते हैं दशावतार व्रत का महत्व और पूजा विधि

Written By : Acharya Indu Prakash Edited By : Sushma Kumari Published : Sep 04, 2022 19:45 IST, Updated : Sep 04, 2022 19:53 IST
Dashavatar Vrat 2022
Image Source : INDIA TV Dashavatar Vrat 2022

Highlights

  • दशावतार व्रत पर भगवान विष्णु के 10 रूपों की पूजा की जाती है।
  • इस साल यह व्रत 5 सितंबर, सोमवार को किया जाएगा।

Dashavatar Vrat 2022:  भाद्रपद शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशावतार व्रत किया जाता है। इस दिन विधि-विधानपूर्वक दशावतार व्रत करना बहुत अधिक फलदायी बताया गया है।भगवान विष्णु के दस अवतारों को संयुक्त रूप से दशावतार कहा जाता है। सबसे पहले विष्णु जी के दश अवतारों के बारे में जान लेते हैं। कहा जाता है जब मानव अन्याय और अधर्म के दलदल में खो जाता है, तब भगवान विष्णु उसे सही रास्ता दिखाने हेतु अवतार ग्रहण करते हैं।  इस साल यह व्रत 5 सितंबर, सोमवार को किया जाएगा। आइए जानते हैं दशावतार व्रत का महत्व और पूजा विधि। 

दशावतार व्रत में कौन-कौन से अवतार

श्री हरि के उन दस अवतारों के नाम कुछ इस प्रकार हैं -  मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध, कल्कि पहले तीन अवतार, यानी मत्स्य, कूर्म और वराह प्रथम महायुग यानी सत्य युग में अवतरित हुए। नरसिंह, वामन, परशुराम और राम दूसरे अर्थात् त्रेतायुग में अवतरित हुए। कृष्ण और बुद्ध द्वापर युग में अवतरित हुए। 

दशावतार व्रत महत्व

दशावतार के दिन भगवान श्री विष्णु के इन्हीं दशावतारों की पूजा का विधान है। पूरी श्रद्धा और भक्तिभाव से विष्‍णु जी का पूजन करके उनकी शरण लेने से अवश्य ही जीवन के सभी पापों से मुक्ति पाकर मोक्ष की प्राप्ति होती है। ये व्रत करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं साथ ही व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

पूजा विधि

दशावतार के दिन सुबह उठकर दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्नान करके साफ कपड़े धारण कर लें। अब दशावतार पूजन के लिए रोली, अक्षत, दीपक, पुष्प, माला, नारियल, नैवेद्य, कपूर, फल, गंगाजल, यज्ञोपवीत, कलश, तुलसी दल, श्वेत चंदन, हल्दी, पीत एवं श्वेत वस्त्र आदि सामग्री एकत्र करें। भगवान विष्णु का स्मरण करें। विष्णु जी की मूर्ति के समक्ष दीपक जलाएं। इसके बाद इन सभी सामग्रियों से विष्‍णु जी का पंचोपचार पूजन करें। कहा जाता है कि इस दिन विष्णु मंत्र जाप, विष्णु सहस्रनाम, कीर्तन, स्मरण, दर्शन, विष्णु स्तोत्र आदि का पाठ करना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही इस दिन श्रीहरि के दशावातार की कथा भी पढ़नी चाहिए। 

दशावतार व्रत पर भगवान विष्णु के इस मंत्र का करें जाप

'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।'  कहा जाता है कि सच्ची श्रद्धा के साथ दशावतार पर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है।

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं)

ये भी पढ़ें - 

Dashavatar Vrat 2022: भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए दशावतार व्रत के दिन करें ये खास उपाय, धन से भर जाएगा घर

Vastu Tips: भूलकर भी घर में ना लगाएं ये पौधे, छिन जाएगा सुख-चैन, रूठकर चली जाएंगी मां लक्ष्मी 

Vastu Tips: अपने घर में लगाएं ये खास पौधे, बीमारियां रहेंगी दूर, खूब आएगी संपन्नता

Vastu Tips:सोते समय सिरहाने के पास भूलकर भी ना रखें ये चीजें, वरना हो सकती है बड़ी मुसीबत

 

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Festivals News in Hindi के लिए क्लिक करें धर्म सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement