Damnak Chaturdashi 2023: आज चैत्र शुक्ल पक्ष की उदया तिथि त्रयोदशी और मंगलवार का दिन है। त्रयोदशी तिथि आज सुबह 8 बजकर 5 मिनट तक रहेगी, उसके बाद चतुर्दशी तिथि लग जाएगी। प्रत्येक वर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को दमनक चतुर्दशी मनाने का विधान है। आज के दिन दमनक के पौधे की जड़, तने और टहनियों से कामदेव की पूजा की जाती है लेकिन दमनक चतुर्दशी से जुड़े कुछ अन्य मत भी सामने आते हैं। कुछ पुराणों के अनुसार, दमनक चतुर्दशी पर दमनक के पौधे से श्री विष्णु की पूजा की जाती है।
इस दिन भैरव और शिव की पूजा करने का भी विधान है। तो वहीं कुछ पुराणों में चैत्र शुक्ल चतुर्दशी पर दमनक पौधे की पूजा और अशोक वृक्ष की जड़ में शिव का आवाहन करने की बात कही गई है। इस संदर्भ में कहा जाता है कि शिव जी के तीसरे नेत्र से जो अग्नि भैरव के रूप में प्रकट हुई थी, उसे भगवान शिव ने दमनक की संज्ञा दी और माता पार्वती ने उसे पृथ्वी पर पौधे के रूप में प्रकट होने के लिए कह दिया।
इस पर भगवान शिव ने दमनक को वरदान दिया कि अगर लोग वसंत और मदन, यानि कामदेव के साथ तुम्हारी पूजा करेंगे तो उन्हें जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होगी। यानि कुल मिलाकर आज के दिन दमनक के पौधे का विशेष महत्व है। आज के दिन दमनक पौधे की पूजा करना और उसके दर्शन करना बड़ा ही फलदायी होगा।
दूर होगी शादी से जुड़ी सारी बाधाएं
जिन लोगों की किसी कारणवश शादी नहीं हो पा रही है या जिन लोगों के दांपत्य जीवन में समस्याएं बनी रहती हैं, उन लोगों को आज के दिन दमनक पौधे के तने पर रोली से टीका लगाकर, उसकी जड़ में पानी डालकर 'क्लीं कामदेवाय नमः' मंत्र का कम से कम 11 बार जप करना चाहिए। लेकिन जिन लोगों को दमनक का पौधा नहीं मिल पा रहा है वे लोग इंटरनेट से फोटो डाउनलोड करके, उसे प्रणाम करके 'क्लीं कामदेवाय नमः' मंत्र का 11 बार पढ़ें। इससे आपको अवश्य ही फायदा होगा। आपको दांपत्य सुख का लाभ मिलेगा और जिन लोगों की शादी अभी तक नहीं हुई है, उनके घर में जल्द ही शहनाई की गूंज उठेगी।
दमनक पौधे के बारे में
दमनक पौधे को आम भाषा में मरुआ या दौना के नाम से भी जाना जाता है और इसे बहुत-सी औषधि बनाने के काम में लिया जाता है। इसमें मुख्यतः दो प्रकार की प्रजातियां पाई जाती हैं, एक जिसमें तुलसी के पौधे की तरह मंजरी दिखायी देती हैं और दूसरा जिसमें छोटे-छोटे फूलों के गुच्छे बने होते हैं। अलग-अलग जगहों के हिसाब से इसकी पत्तियों में भिन्नता देखने को मिल सकती है। साथ ही कहीं-कहीं पर ये पौधा आकार में छोटा, तो कहीं पर थोड़ा बड़ा भी देखने को मिलता है। दमनक का पौधा बड़ा ही खुशबूदार होता है और इसकी खुशबू केवल अपने तक ही सीमित नहीं होती, बल्कि ये जिस जगह पर मौजूद होता है, वहां आस-पास भी इसकी खुशबू फैल जाती है। आपको बता दें कि इसकी खुशबू न केवल माहौल को अच्छा बनाने का काम करती है, बल्कि ये हमारे शरीर को कई तरह के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचाने का भी काम करती है। इस दौरान दमनक चतुर्दशी मनाने के पीछे भी हमारे पूर्वजों ने कुछ यही सोच रखी होगी।
दरअसल, इस दौरान मौसम में बदलाव के चलते बैक्टिरीया बहुत ज्यादा फैलते हैं, जिससे इंफेक्शन होता है और हमें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। ऐसे में दमनक का पौधा स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में हमारी सहायता करता है। अतः आज के दिन संभव हो तो दमनक पौधे की पूजा के साथ ही आपको अपने घर या संस्थान के मुख्य द्वार के पास दमनक का पौधा भी लगाना चाहिए। इससे आप बहुत-सी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचे रहेंगे।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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