Narak Chaturdashi or Chhoti Diwali 2024: हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को छोटी दिवाली का त्यौहार मनाया जाता, जिसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन यम देवता की पूजा का विधान है। मान्यता है कि छोटी दिवाली के दिन यम देव की पूजा करने से अकाल मृत्यु का खतरा टल जाता है। कहा जाता है इस दिन संध्या के समय दीप दान करने से नरक में मिलने वाली यातनाओं, सभी पाप से मुक्ति मिलती है इसलिए भी नरक चतुर्दर्शी के दिन दीपदान और पूजा का विधान है। इस दिन पूजा और व्रत करने वाले को यमराज की विशेष कृपा भी मिलती है। छोटी दिवाली के दिन यम देव के अलावा भगवान कृष्ण की भी पूजा का विधान है। छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के अलावा नरक चौदस, रूप चतुर्दशी और रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है। तो आइए जानते हैं कि छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी क्यों कहा जाता है और इसके पीछे की मान्यता क्या है।
नरक चतुर्दशी से पौराणिक कथा
नरकासुर नामक राक्षस था जिसने अपनी शक्ति के बल पर 16 हजार स्त्रियों को बंदी बना लिया था। नरकासुर के आतंक और अत्याचार से परेशान होकर देवताओं और ऋषि मुनियों ने भगवान कृष्ण से मदद की गुहार लगाई। तब भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध कर देवताओं और संतों को उसके अत्याचार से मुक्ति दिलाई। श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध करने के बाद उन 16 हजार स्त्रियों को नराकसुर की कैद से मुक्त कराया था। इस खुशी में लोगों ने दीप जलाएं और नरकासुर के अंत की खुशी मनाई। इस कारण तब से छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी कहा जाने लगा।
छोटी दिवाली के दिन क्या करना चाहिए?
- छोटी दिवाली के दिन घर की सफाई कर सभी बेकार चीजें फेंक दें
- घर से सभी तरह के कबाड़ और टूटी फूटी चीजों को हटा दें।
- छोटी दिवाली के दिन दीपदान जरूर करें
- छोटी दिवाली पर 14 दीये जलाना शुभ माना जाता है। साथ ही यम दीप जरूर जलाएं
- छोटी दिवाली के दिन घर की दक्षिण दिशा साफ रखें। इससे यमराज और पितृ देव क्रोधित हो जाते हैं।
- छोटी दिवाली के दिन यम के नाम का दीपक दक्षिण दिशा में जलाएं।
- घर के मुख्य द्वार, बाहर, चौराहे और खाली स्थान पर दीये रखें।
- छोटी दिवाली पर सरसों के तेल के दीये ही जलाएं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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