Highlights
- छोटी दिवाली के दिन मृत्यु के देवता यमराज की उपासना का खास महत्व है
- इस साल छोटी दिवाली 23 को मनाई जाएगी
- भगवान यमराज की पूजा करने से दीर्घायु की प्राप्ति होती है
Chhoti Diwali 2022: यूं तो हर साल दिवाली का त्यौहार 5 दिनों तक चलता था लेकिन इस बार 4 दिन ही रहेगा। दरअसल, इस बार धनतेरस और छोटी दिवाली एक ही मनाई जाएगी। ऐसे में दोनों दिन की पूजा एक दिन ही की जाएगी। धनतेरस में जहां मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर और धन्वंतरि की पूजा की जाती है। वहीं छोटी दिवाली के दिन मृत्यु के देवता यमराज की उपासना का खास महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, छोटी दिवाली के दिन यम के नाम का दीपक जलाने से अकाल मृत्यु का खतरा पूरी तरह टल जाता है। इसके अलावा नरक में मिलने वाली यातनाओं से भी छुटकारा मिलता है। शास्त्रों में कहा गया है कि जो भी मनुष्य धरती पर अत्याधिक पाप करता है उसे उसकी सजा मृत्युलोक में भुगतना पड़ता है। इतना ही नहीं उसे तमाम तरह की यातनाओं से भी गुजरना पड़ता है।
ये भी पढ़ें: Chhath 2022 Kharna: छठ महापर्व में खरना का क्या है महत्व, यहां जाने सही तिथि और नियम
यमराज की पूजा से जुड़ी पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के मुताबिक, रंति देव नाम के एक राजा थे, जो कि बेहद ही धर्मात्मा व्यक्ति थे। उन्होंने अपने जीवन में कोई भी पाप नहीं किया लेकिन इसके बावजूद उन्हें मृत्यु के दौरान नरक लोक मिला। अपने साथ ऐसा होता देख राजा ने यमराज से कहा कि मैंने तो कभी कोई पाप नहीं किया फिर आप मुझे नरक लोक क्यों ले जा रहे हैं? रंति देव की बात सुनकर यमदूत ने कहा कि एक बार आपके द्वार से एक ब्राह्मण भूखा पेट लौट गया था। यह आपके उसी कर्म का फल है। इस बात को सुन राजा ने यमराज से एक वर्ष का समय मांगा और ऋषियों के पास अपनी इस समस्या को लेकर पहुंचे। तब ऋषियों ने उन्हें कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का व्रत रखने और ब्राह्मणों को भोजन कराकर उनसे माफी मांगने को कहा। एक साल बाद यमदूत राजा को फिर लेने आए। इस बार उन्हें नरक के बजाय स्वर्ग लोक ले गए तब ही से कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष को दीप जलाने की परंपरा शुरू हुई। ताकि भूल से हुए पाप की भी क्षमा मिल सकें।
छोटी दिवाली की पूजा का महत्व
छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी, यम चतुर्दशी, रोप चौदस और रूप चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, छोटी दिवाली के दिन भगवान यमराज की पूजा करने से दीर्घायु की प्राप्ति और स्वास्थ्य जैसी तमाम समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। छोटी दिवाली के पुराने दीए जलाने की भी परंपरा है। यम के नाम का दीपक दक्षिण दिशा में जलाएं। पुराना दीपक ही जलाए अगर आपके पास ये नहीं है तो नया दीपक भी जला सकते हैं। घर के मुख्य द्वार, बाहर, चौराहे और खाली स्थान पर दीये रखें। वहीं छोटी दिवाली पर सरसों के तेल के दीये ही जलाएं। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा भी जाती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। INDIA TV इसकी पुष्टि नहीं करता है।)